न्यूयॉर्क में इंडियन कॉन्सुलेट ने बुधवार को पुष्टि की है कि न्यू जर्सी के न्यूअर्क एयरपोर्ट पर हरियाणा के जिस भारतीय छात्र को हिरासत में लिया गया था, उसके पास वैध वीजा नहीं था। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इस छात्र को अमेरिकी कोर्ट के आदेश के तहत भारत वापस भेजा जाएगा। पहले खबर आई थी कि छात्र को भारत भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र के व्यवहार को एयरपोर्ट ट्रांजिट के दौरान सफर के लिए ठीक नहीं माना गया, इस वजह से उसे हिरासत में लेकर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भर्ती किया गया। इस घटना का वीडियो दो दिन पहले वायरल हुआ था, जिसमें एयरपोर्ट पर दो लोगों एक भारतीय को जमीन पर पटककर दबोचे हुए थे और उसके हाथ में हथकड़ी लगाकर रखी थी। भारत सरकार ने इस मुद्दे को नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के सामने औपचारिक तौर पर उठाया था। इसके अलावा, वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास और न्यूयॉर्क में इंडियन कॉन्सुलेट ने भी अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले की पूरी जानकारी मांगी थी। अमेरिकी दूतावास बोला था- वीजा का दुरुपयोग स्वीकार नहीं भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को इस मुद्दे पर बयान जारी किया था। दूतावास ने कहा था कि अमेरिका में अवैध एंट्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अमेरिकी दूतावास ने X पर लिखा- अमेरिका अपने देश में वैध यात्रियों का स्वागत करता है। हम अवैध एंट्री, वीजा का दुरुपयोग या अमेरिकी कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे। न्यूयॉर्क में इंडियन कॉन्सुलेट ने एक पोस्ट में कहा था- हमें सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट मिली हैं, जिनमें दावा किया गया है कि न्यूअर्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हम इस मामले को लेकर लोकल अधिकारियों के संपर्क में हैं। भारतीय ने शेयर किया था VIDEO, लिखा- अपराधी जैसा व्यवहार भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन कुणाल जैन ने रविवार को इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जैन ने X पर लिखा- मैंने न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक युवा भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर, रोते हुए, अपराधी की तरह ट्रीट होते देखा। जैन ने बताया कि छात्र हरियाणवी में कह रहा था, ‘मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।’ वीडियो में एयरपोर्ट अधिकारियों ने छात्र को जमीन पर पटका और उसे हथकड़ी लगाई। इसके बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। अभी तक यह साफ नहीं है कि छात्र को किस वजह से डिपोर्ट किया गया। भारत सरकार से अपील- छात्र के बारे में पता लगाएं कुनाल जैन ने कहा था, “बच्चे वीजा लेकर सुबह फ्लाइट से आते हैं। किसी कारण से इमिग्रेशन अथॉरिटीज को अपने आने का कारण समझा नहीं पाते और शाम की फ्लाइट से हाथ-पैर बांधकर, मुजरिमों की तरह भेज दिए जाते हैं। हर दिन 3-4 ऐसे मामले हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे केस ज्यादा बढ़ गए हैं।” जैन ने भारतीय दूतावास, अमेरिका और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने लिखा था, “पता लगाना चाहिए कि इस छात्र का क्या हो रहा है।” अमेरिका ने विदेशी छात्रों पर सख्ती बढ़ाई क्लास छोड़ी तो विदेशी छात्रों का वीजा रद्द होगा ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि कोई विदेशी छात्र बिना जानकारी कोर्स छोड़ता है, क्लास नहीं जाता या पढ़ाई बीच में छोड़ता है, तो उसका स्टूडेंट वीजा रद्द किया जा सकता है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने कुछ समय पहले एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। दूतावास ने किसी भी समस्या से बचने के लिए हमेशा अपनी वीजा शर्तों का पालन करने के लिए कहा। दूसरी तरफ, ट्रम्प सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साथ 850 करोड़ रुपए (लगभग 100 मिलियन डॉलर) के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है। यह फैसला 28 मई 2025 को लिया गया। सरकार पहले ही इस आइवी लीग स्कूल के लिए 22 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद रोक चुकी है।
