बिलासपुर की GGU यूनिवर्सिटी में नमाज मामले में गुरुवार को छात्रों से बयान लिए गए। इस पर कुछ छात्रों और छात्र नेताओं ने जांच कमेटी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि, कमेटी ने स्क्रिप्ट दी और कुछ सवालों के जवाब हां या नहीं में लिए गए। छात्र नेताओं का भी आरोप है कि, बंद कमरे में दबाव बनाकर जवाब लिए जा रहे हैं। ये जांच दिखावे के लिए। इधर, 12 कोऑर्डिनेटर को हटाने की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। खुद यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना ह कि, ये कार्रवाई नमाज विवाद में नहीं प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के लिए की गई है। मीडिया के सामने नहीं आए बाकी छात्र कुलपति प्रो.चक्रवाल के निर्देश पर बनी फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को कमेटी NSS कैंप में शामिल होने वाले 159 स्टूडेंट्स को बुलाया लेकिन, 117 छात्र ही यूनिवर्सिटी पहुंचे। इन छात्रों से बयान लिए गए। हालांकि शिकायतकर्ता जो छात्र हैं उनके अलावा बाकी छात्र मीडिया के सामने नहीं आ रहे। वहीं शिकायकर्ता जो छात्र हैं उन्हें भी जांच कमेटी ने बुलाया था। उनका कहना है कि, जांच के दौरान भी अफवाहें फैलाई गई। NSS ऑफिस में हम लोग बयान देने गए हुए थे। वहां स्क्रिप्ट दी गई जिसे सिर्फ यस-नो में भरना था। किसी से भी अलग से बुलाकर उनका ओपिनियन नहीं लिया गया। बस एक सर ने कहा कि, किसी को कुछ कहना हो तो वो मेरी ऑफिस में 4 बजे तक आ सकते हैं। छात्र नेता बोले- ये जांच दिखावे की है
जांच को लेकर कुछ छात्र नेताओं का कहना है कि, NSS कैंप में शामिल ज्यादातर स्टूडेंट्स से दबाव डालकर बयान लिया गया। जिन्होंने नमाज पढ़ी है, वो अपनी स्वेच्छा से नमाज पढ़ी है ऐसा कहने का दबाव बना रहे। जांच बंद कमरे में हो रही है। धरना या प्रदर्शन कर रहे किसी छात्र नेता को उसमें शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में साफ है कि जांच के बहाने मामले को दबाने के लिए लीपापोती की जा रही है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी इन बिंदुओं पर लिया बयान
तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी प्रो. वीएस राठौर नेतृत्व में जांच कर रही है, जो 48 घंटे के अंदर कमेटी को रिपोर्ट देगी। छात्रों सेपूछताछ कर फॉर्म भरवाए गए, जिसमें कैंप में उनसे नमाज पढ़वाया गया है या नहीं, वे खुद नमाज पढ़े हैं या जबरदस्ती पढ़वाया गया है जैसे अन्य सवालों के जवाब लिए गए।
