वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी यानी, चौथी तिमाही में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को 12,293 करोड़ रुपए का मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 1.67% की कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को ₹12,502 करोड़ का मुनाफा हुआ था। जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 61,237 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। सालाना आधार पर यह 5.3% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2023-24 में कंपनी ने ₹61,237 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं के बेचने से मिलने वाली राशि को राजस्व या रेवेन्यू कहा जाता है। इसमें टैक्स शामिल नहीं होता है। कंपनी ने 10 अप्रैल को Q4 के नतीजे जारी किए। 30 रुपए प्रति शेयर लाभांश देगी TCS कंपनी ने अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर पर 30 रुपए का लाभांश यानी डेविडेंड देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयर होल्डर्स को भी देती हैं, इसे ही लाभांश कहा जाता है। Q4FY25 में TCS का मुनाफा 2% कम हुआ सालाना आधार पर तिमाही आधार पर नोट: आंकड़े करोड़ रुपए में हैं। TCS को तीसरी तिमाही में ₹12,380 करोड़ का मुनाफा तीसरी तिमाही (Q3FY25) यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में TCS का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट तिमाही आधार पर करीब 3.95% बढ़कर 12,380 रुपए करोड़ रहा। इससे पहले जुलाई-सितंबर तिमाही में ये 11,909 करोड़ रुपए रहा था। सालाना आधार पर नेट प्रॉफिट 12% बढ़ा। हालांकि, कंपनी की आय में गिरावट देखने को मिली। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ये 63,973 करोड़ रुपए रही। वहीं पिछली तिमाही में कंपनी को 64,259 करोड़ रुपए की आय हुई थी। वहीं EBIT तिमाही आधार पर 15,469 करोड़ रुपए से बढ़कर 16900 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 1968 में हुई थी TCS की स्थापना टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत की मल्टीनेशनल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) कंपनी है। यह टाटा ग्रुप की एक सहायक कंपनी है। TCS की स्थापना 1968 में ‘टाटा कंप्यूटर सिस्टम्स’ के रूप में हुई थी। 25 अगस्त 2004 को TCS पब्लिक लिस्टेड कंपनी बनी। 2005 में इन्फॉरमेटिक्स मार्केट में जाने वाली यह भारत की पहली कंपनी बनी। अप्रैल 2018 में 100 अरब डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली देश की पहली IT कंपनी बनी। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 14.17 लाख करोड़ रुपए है। यह 46 देशों में 149 लोकेशन पर काम करती है।
