छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों के 2 लाख से ज्यादा लोगों से बाइक बोट स्कीम के नाम 4 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। राजनीति की चादर ओढ़कर UP के BSP नेता संजय भाटी ने फ्रॉड नेटवर्क बनाया। इसने रायपुर के 32 से ज्यादा लोगों से करीब 76 लाख रुपए की ठगी की। संजय भाटी ने कर्णपाल सिंह और राजेश भारद्वाज के साथ मिलकर फ्रॉड का साम्राज्य बनाया। स्कीम इतनी चालाकी से बनाई गई थी कि लोगों को भरोसा हो गया कि वे सिर्फ बाइक खरीदकर उसे किराए में चलवाएंगे और हर महीने लाखों कमाएंगे। तीनों आरोपियों ने अपने 19 साथियों के साथ मिलकर 2017 में ठगी की। मास्टर माइंड संजय भाटी ठगी करने से पहले इंजीनियर, मोटिवेशनल स्पीकर था। इसके बाद BSP ज्वाइन कर नेता बन गया। रायपुर पुलिस राजस्थान जेल में बंद 3 आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए आरोपियों ने किस तरह से ठगी का साम्राज्य फैलाया, इतने दिनों तक रायपुर पुलिस आरोपियों को क्यों कस्टडी में नहीं ले पाई, आरोपियों के कौन से साथी अभी भी रायपुर पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं? जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, अक्टूबर 2018 को रायपुर के सिविल लाइन थाने में बीरगांव निवासी अखिल कुमार बिसोई ने शिकायत दी। उन्होंने बताया कि ओला/उबर की तर्ज पर बाइक बोट स्कीम चलाने का झांसा देकर मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड ठगी की। अखिल कुमार बिसोई ने बताया कि अंतरराज्यीय कंपनी के संचालक संजय भाटी और उनके साथिया ने 26 लाख 70 हजार 300 रुपए की ठगी कर ली। आरोपी अपने वादा अनुसार पैसा नहीं वापस कर रहे और ना ही कोई रिस्पांस दे रहे हैं। सिविल लाइन पुलिस ने मामले मे जांच शुरू की तो पता चला कि अखिल कुमार बिसोई की तर्ज पर रायपुर के 20 पीड़ितों ने कंपनी डायरेक्टर के कहने पर अपना 73 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिया है। इन सबका पैसा कंपनी के डायरेक्टर हजम कर गए है। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू की, लेकिन पता नहीं चला और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पेडिंग केसों पर फटकार के बाद आई रफ्तार फरवरी 2025 में जब आईजी अमरेश मिश्रा ने लंबित मुकदमों पर फटकार लगानी शुरू की तो सिविल लाइंस थाने में बाइक बोट योजना घोटाले की फाइल फिर से खुल गई। सिविल लाइंस पुलिस ने मामले में आरोपियों की तलाश शुरू की। इस दौरान पता चला कि बोट कंपनी का मास्टरमाइंड संजय भाटी और उसके साथी करनपाल सिंह और राजेश भारद्वाज राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद हैं। इसके बाद प्रोडक्शन वारंट पर सिविल लाइन पुलिस आरोपियों को रायपुर लेकर आए। इस दौरान आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। जांच अधिकारियों का कहना है, कि बाइक बोट घोटाले को अंजाम देने वाले अन्य 19 आरोपियों के नाम का पता चल चुका है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द होगी। लोकसभा प्रभारी रह चुका आरोपी संजय भाटी बाइक बोट टैक्सी स्कैम का मास्टर माइंड संजय भाटी बहुजन समाज पार्टी का बडा नेता रह चुका है। 2018 में कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दिया और पार्टी ज्वाइन की। 2019 में उसे गौतम बुद्धनगर से बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा प्रभारी भी बनाया। 2019 में ED और सीबीआई ने बोट घोटाले केस में कार्रवाई करना शुरू की। संजय भाटी और उसके साथी ने 7 जून 2019 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में लिया। अब जानिए रायपुर के लोगों से कैसे ठगी की गई ? पीड़ित अखिल कुमार बिसोई ने पुलिस को बताया, कि आरोपी संजय भाटी ने इन्वेस्टमेंट करने पर फ्रेंचाइजी देने और छत्तीसगढ़ हेड बनाने की बात कही थी। उसने पैसा दिया और बाइक बोट पर इनवेस्ट किया था। इसी तरह प्रार्थी नवीन सिंह, मोहम्मद जावेद, मुकेश टंडन समेत अन्य लोगों ने बताया, कि आरोपी संजय भाटी ने मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड की 62100 रुपए की बोट बाइक खरीदने पर उसका हर महीने 4590 रुपए मासिक किराया और 5175 रुपए हर महीने बाइक ऑनर काे देने का आश्वासन दिया था। कुछ महीने पैसे मिले फिर बंद कर दिया कंपनी के डायरेक्टर ने ईएमआई खत्म होने के बाद बाइक वापस खरीदने का भरोसा दिया था। इस पर विश्वास करके उन्होंने बचाई हुई रकम निवेश कर दी। पैसे लेने के बाद कंपनी के डायरेक्टर ने चार से छह महीने तक पैसे दिए और फिर पैसे देना बंद कर दिया। जब उन्होंने उससे संपर्क करने की कोशिश की तो नंबर बंद मिला। पीड़ित जब नोएडा मुख्यालय गए तो पता चला कि कंपनी बंद हो चुकी है और डायरेक्टर फरार हो चुका है। 2010 में कंपनी रजिस्टर्ड की, 2029 में स्कीम लॉन्च की पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया, कि उसने 2010 में मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी शुरू की थी। इस दौरान कंपनी में संजय भाटी के अलावा पत्नी दिप्ती बहुल और भाई सचिन डायरेक्टर थे। 2019 में संजय ने कंपनी का डायरेक्टर कर्णपाल सिंह और राजेश भारद्वाज को बनाया। कंपनी का डायरेक्टर बदलने के बाद 2019 में बाइक बोट स्कीम लॉन्च की। स्कीम लॉन्च करने के बाद अलग-अलग राज्यों में इसका प्रचार प्रसार किया और घोटाला किया। 2020 से ED कर रही जांच बाेट बाइक घोटाला केस 2020 में ED के हेंडओवर किया था। ED की जांच में सामने आया, कि मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के डायरेक्टर ने देश भर में 1 लाख 75 हजार से ज्यादा लोगों को चूना लगाया और 4 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया है। ED के अफसरों ने मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टरों की कई संपत्तियों को सीज भी किया है। ED की जांच के दौरान कंपनी से सपा सरकार के नेताओं का नाम भी जुड़ा था। कंपनी के तार हवाला से भी जुड़े हैं। इन राज्यों में भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज सिविल लाइन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी के डायरेक्टरों के खिलाफ उत्तरप्रदेश मे 150, राजस्थान में 50, मध्यप्रदेश में 06, गुजरात, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, नागपुर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश एवं अन्य राज्यों मे केस दर्ज हैं। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि मास्टरमाइंड संजय भाटी के विरूद्ध 1500 से अधिक चेक बाउंस के केस हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश में दर्ज है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी संजय भाटी ने इस प्रोजेक्ट में 2800 करोड़ रुपए से अधिक की रिकवरी जांच एजेंसियों द्वारा करने की बात स्वीकारी है। जानिए इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ
