कोरबा में मोहर्रम के दसवें दिन यौमे आशूरा पर मुस्लिम समाज ने हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद किया। लगातार हो रही बारिश के बावजूद शहर और उपनगरों में ताजिए निकाले गए। ताजिएदारों ने प्लास्टिक की पन्नी से ताजियों को ढंककर शहर में प्रदर्शन किया। सभी दिशाओं से आए ताजिए पुराना बस स्टैंड में एकत्र हुए। यहां युवाओं ने देर रात तक शौर्य प्रदर्शन किया। इसके बाद सभी ताजियों को करबला में विसर्जन के लिए ले जाया गया। मोहर्रम के दसवें दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत याद इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, करीब 1400 साल पहले कुफा की करबला में यजीदियों ने पैगंबर मोहम्मद के खानदान को समाप्त करने की रणनीति के तहत 50 हजार से अधिक के लश्कर ने 72 लोगों को शहीद कर दिया था। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यजीदियों ने खिलाफत को जारी रखने के लिए हजरत इमाम हुसैन को 150 से अधिक पत्रों के माध्यम से करबला बुलाया था। वहां पहुंचने पर उन्हें और उनके साथियों को शहीद कर दिया गया। इस अवसर पर मुस्लिम समाज ने दुरपा रोड स्थित मरकजी ईदगाह-कब्रिस्तान में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। सर्व मुस्लिम जमात के संस्थापक मो. न्याज नूर आरबी के नेतृत्व में विभिन्न समाजों के गणमान्य नागरिकों और पदाधिकारियों ने सैकड़ों पौधे लगाए।
