भारत-अमेरिका के बीच ‘बड़ी’ ट्रेड डील की उम्मीद:ट्रम्प बोले हमने कल ही चीन के साथ डील साइन की, अब भारत के साथ होने वाली है

भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक ‘बड़ी’ ट्रेड डील होने वाली है। ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में हुए ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ इवेंट में कही। ट्रम्प ने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ व्यापार समझौता किया है और अब भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ बड़ा होने वाला है। ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के करीब 100 देशों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया था। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगा। फिर 9 अप्रैल को ट्रम्प प्रशासन ने इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया। ट्रम्प ने ये समय भारत जैसे देशों को डील पर फैसले लेने के लिए दिया है। ट्रम्प का कहना है कि उनकी टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। ऐसे में भारत और अमेरिका इस डील का पहला चरण जुलाई 2025 तक पूरा करना चाहते हैं। मामले से जुड़ी बड़ी बातें 5 पॉइंट में… 1. डोनाल्ड ट्रम्प बोले- हर कोई डील करना चाहता है राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, “हर कोई डील करना चाहता है और इसमें हिस्सा लेना चाहता है। कुछ महीने पहले मीडिया पूछ रहा था, ‘क्या आपके पास कोई दिलचस्प डील है?’ खैर, हमने कल ही चीन के साथ डील साइन की है। हमारे पास कुछ शानदार डील्स चल रही हैं। अब भारत के साथ भी एक डील होने वाली है। बहुत बड़ी डील।” ट्रम्प ने कहा- हम हर किसी के साथ डील नहीं करने वाले। कुछ को हम बस एक चिट्ठी भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा, बहुत-बहुत धन्यवाद। आपको 25, 35, 45 फीसदी (टैरिफ) देना होगा। 2. व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर ले जाने का लक्ष्य भारत-अमेरिका डील से जुड़े लोगों ने बताया- हफ्तों पहले हुई बातचीत में मुख्य रूप से भारत और अमेरिका में इंडस्ट्री और कृषि उत्पादों के लिए ज्यादा बाजार पहुंच, टैरिफ में कटौती और नॉन-टैरिफ बैरियर्स पर फोकस रहा। अमेरिकी डेलिगेशन की अगुआई US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस के अधिकारियों ने की। जबकि भारतीय व्यापार मंत्रालय की टीम की कमान सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल कर रहे थे। इस समझौते का लक्ष्य दोनों देशों के बीच सालाना द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 अरब डॉलर (करीब 16 लाख करोड़) से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर (करीब 43 लाख करोड़) तक ले जाना है। 3. पीयूष गोयल बोले- ट्रेड डील दोनों इकोनॉमी के लिए फायदेमंद 10 जून को बातचीत खत्म होने पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और बराबरी वाला व्यापार समझौता करने की प्रक्रिया में हैं, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं को फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने कहा, “फरवरी 2025 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात हुई थी… दोनों नेताओं ने एक ऐसा द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने का फैसला किया है, जो दोनों की अर्थव्यवस्थाओं, कारोबारियों और लोगों के लिए फायदेमंद हो। हम एक अच्छा, निष्पक्ष, बराबरी वाला और संतुलित समझौता करने की बातचीत कर रहे हैं, जो कारोबार को बढ़ावा दे।” 4. जयशंकर बोले- डील तभी फाइनल होगी, जब फायदेमंद हो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था है कि कोई भी डील तभी फाइनल होगी, जब दोनों देशों के लिए वो फायदेमंद हो। जयशंकर ने ट्रम्प के उस दावे पर यह बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने ‘कोई टैरिफ नहीं’ लगाने का ऑफर दिया है। जयशंकर ने कहा, ‘सब कुछ तय होने तक कुछ भी तय नहीं है।’ 5. कृषि सेक्टर में अमेरिका को ज्यादा मार्केट एक्सेस नहीं देना चाहता भारत भारत इस डील में सावधानी बरत रहा है। वो नहीं चाहता कि अमेरिकी मांगों जैसे- कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारतीय मार्केट में ज्यादा जगह मिले। क्योंकि इससे घरेलू कारोबारियों को नुकसान हो सकता है। भारत चाहता है कि डील दोनों देशों के लिए ज्यादा से ज्यादा बैलेंस्ड हो। सूत्रों का कहना है कि कृषि उत्पादों, खासकर मक्का और सोयाबीन पर टैरिफ में छूट की अमेरिकी मांग डील को अटकने वाला मुद्दा बन गया है। खबर है कि भारत अमेरिकी कृषि में प्रचलित जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों के लिए अपने बाजार को खोलने के मामले में सावधानी बरत रहा है। ट्रम्प ने 2 अप्रैल को टैरिफ लगाया, फिर 90 दिनों की राहत दी 2 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रम्प ने करीब 100 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘आज लिबरेशन डे है, जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर रहा था।’ हालांकि 9 अप्रैल को उन्होंने चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया। बाद में चीन को भी टैरिफ से राहत दी और अब चीन के साथ ट्रेड डील फाइनल हो गई है। ट्रम्प कहते आए हैं कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाली चीजों पर ज्यादा टैरिफ बढ़ाएगा। अभी भारत के निर्यात पर अमेरिका 10% टैरिफ लगाता है, लेकिन अगर नई डील नहीं हुई तो 8 जुलाई से 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो सकता है। अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड डेफिसिट 41.18 बिलियन डॉलर अमेरिका के साथ भारत का 2024-25 में वस्तुओं के मामले में ट्रेड डेफिसिट यानी, आयात और निर्यात के बीच का अंतर 41.18 बिलियन डॉलर था। 2023-24 में यह 35.32 बिलियन डॉलर, 2022-23 में 27.7 बिलियन डॉलर, 2021-22 में 32.85 बिलियन डॉलर और 2020-21 में 22.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। अमेरिका ने बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताई है। —————————- भारत-अमेरिका ट्रेड डील से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… 1. भारत में सस्ते दामों पर मक्का-सोयाबीन बेचने पर अड़ा अमेरिका: इससे भारतीय किसानों को नुकसान; भारत-अमेरिका ट्रेड डील बीच में अटकी भारत और अमेरिका के बीच होने वाली ट्रेड डील, कृषि उत्पादों पर इम्पोर्ट ड्यूटी के चलते बीच में अटक गई है। ट्रेड डील के लिए अमेरिका अपने जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फूड जैसे मक्का और सोयाबीन पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका चाहता है कि ये प्रोडक्ट भारत में सस्ते बिकें। वहीं भारत सरकार किसानों को नुकसान से बचाने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं घटाना चाहती। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि अगर अमेरिका के सस्ते GM फूड भारत में आ जाएंगे, तो भारतीय किसानों की फसलें बिकना मुश्किल हो जाएगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. जुलाई में हो सकती है भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील: अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा- ऐसा रास्ता निकाला, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद भारत और अमेरिका के बीच जुलाई तक ट्रेड डील साइन होने की संभावना है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने सोमवार को कहा, भारत और अमेरिका के बीच बहुत जल्द ट्रेड डील हो जाएगी, क्योंकि दोनों देशों ने ऐसा रास्ता खोज लिया है जो दोनों के लिए फायदेमंद है। लुटनिक ने यह बात वॉशिंगटन में US-इंडिया स्ट्रेटिजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के लीडरशिप समिट में कही। कल भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि दोनों देश एक-दूसरे के कारोबार को प्राथमिकता देना चाहते हैं और टीमों के बीच लगातार बातचीत हो रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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