एयरफोर्स (IAF) को जल्द ही तीन मॉडर्न I-STAR (इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टारगेट एक्विजिशन एंड रिकॉनिसेंस) स्पाय एयरक्राफ्ट मिलने जा रहे हैं। प्रोजेक्ट की लागत 10,000 करोड़ रुपए की है। इसका प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय जून के चौथे हफ्ते में होने वाली हाई लेवल मीटिंग में मंजूरी के लिए रखेगा। एयरक्राफ्ट मिलने के बाद भारत अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास यह टेक्नॉलॉजी है। I-STAR स्पाय एयरक्राफ्ट की मदद से वायुसेना को दुश्मन के जमीनी ठिकानों जैसे रडार स्टेशनों, एयर डिफेंस सिस्टम और मोबाइल टारगेट्स की सटीक जानकारी मिलेगी और लक्ष्यों पर निशाना साधना आसान होगा। यह प्रोजेक्ट रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित किया जा रहा है। तीन एयरक्राफ्ट विदेशी कंपनियों जैसे बोइंग और बॉम्बार्डियर से खुले टेंडर के माध्यम से खरीदे जाएंगे, लेकिन इनके अंदर लगने वाले सभी सिस्टम पूरी तरह स्वदेशी होंगे। DRDO द्वारा विकसित इंटरनल स्वदेशी सिस्टम से लैस होगा मॉडर्न I-STAR स्पाय एयरक्राफ्ट के अंदर DRDO के सेंटर फॉर एयरबोन सिस्टम (CABS) की ओर से विकसित स्वदेशी सिस्टम लगाए जाएंगे। ये पहले ही परीक्षण में सफल हो चुके हैं। I-STAR विमान ऊंचाई से खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने, लक्ष्य पहचानने और उन पर हमले के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। ये दिन और रात में किसी भी मौसम में काम करने में सक्षम होंगे। इनके जरिए दुश्मन की गतिविधियों पर दूर से नजर रखी जा सकेगी। I-STAR सिस्टम हवाई और जमीनी दोनों हिस्सों में काम करेगा और भारतीय सेना की सुरक्षा क्षमताओं को कई गुना बढ़ाएगा। इससे देश को समय पर खतरों की पहचान करने और उन पर जवाबी कार्रवाई करने में बड़ी मदद मिलेगी। 27 मई को AMCA के प्रोडक्शन मॉडल को मंजूरी मिली थी इससे पहले 27 मई को भारत में बनने वाले 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के प्रोडक्शन मॉडल को मंजूरी मिली थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एयरक्राफ्ट को बनाने के लिए सरकारी के साथ निजी कंपनियों को भी बोली लगाने का मौका दिया जाएगा। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) जल्द ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगा। एयरक्राफ्ट बनाने में निजी कंपनियों को मौका देने की घोषणा से डिफेंस और इससे जुड़े सेक्टर्स की कंपनियों के शेयर्स में करीब 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स भी 52 सप्ताह के नए हाई 8,674.05 पर पहुंच गया। AMCA प्रोजेक्ट को 2024 में मंजूरी मिली AMCA स्वदेशी तकनीक से बनने वाला दूसरा फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी AMCA देश में ही विकसित होने वाला दूसरा फाइटर एयरक्राफ्ट होगा। इससे पहले भारत में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस और उसके एडवांस्ड वर्जन तेजस मार्क-1 को तैयार किया जा चुका है। इसके और भी उन्नत संस्करण मार्क-1-ए पर काम चल रहा है। जानकारी के मुताबिक AMCA 2035 तक एयरफोर्स और नेवी में तैनाती के लिए उपलब्ध हो सकेगा। भारतीय वायुसेना देश में बने तेजस जेट इस्तेमाल कर रही 30 जुलाई को एयर फोर्स ने जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा एयरबेस पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK-1 को तैनात किया। सेना का कहना है कि पायलट्स घाटी में उड़ान की प्रैक्टिस कर सकें, इसलिए ऐसा किया गया। कश्मीर, पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान के लिहाज से संवेदनशील है। तेजस MK-1 मल्टीरोल हल्का लड़ाकू विमान है, जो वायुसेना को कश्मीर के जंगल और पहाड़ी इलाकों में और मजबूत करेगा। भारतीय वायुसेना के पास अभी 31 तेजस फाइटर प्लेन हैं। 4 खूबियों की वजह से कुछ अलग है तेजस —————-़ एयर डिफेंस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… भारत-फ्रांस राफेल डील- ₹63 हजार करोड़ में 26 राफेल मरीन मिलेंगे, पहला फाइटर जेट 2028 में भारत पहुंचेगा भारत और फ्रांस के बीच 28 अप्रैल को नई दिल्ली में 26 राफेल मरीन विमानों की डील साइन हो गई। भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने डील पर साइन किए। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। पूरी खबर पढ़ें…
