अगर आपकी आय टैक्स स्लैब के दायरे में आती है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरना जरूरी है। अक्सर आईटीआर भरने में लोग चूक कर देते हैं। इससे आयकर नोटिस मिलने की आशंका बढ़ जाती है। संशोधित आईटीआर भरने से लेकर जुर्माना लग सकता है। इस बार आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। रिटर्न भरते वक्त इन 10 बातों का ध्यान रखें… 1. गलत फॉर्म न चुनें, पेशे के हिसाब से सही फॉर्म ही भरें
अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर-1 से 7 तक फॉर्म हैं। सैलरी, बैंक ब्याज, पेंशन या मकान से आय है, तो आईटीआर-1 भरना चाहिए। शेयर से होने वाली डिविडेंड इनकम और कैपिटल गेन को भी अपने रिटर्न में दिखाएं। गलत रिटर्न फॉर्म भरने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। 2. बड़े खर्च किए हैं तो आय का सोर्स क्लियर होना जरूरी है
यदि आपने बड़े खर्च किए हैं। मसलन, बिजली का सालाना बिल एक लाख से अधिक आया है। क्रेडिट कार्ड पर 10 लाख से अधिक या महंगी कार खरीदने जैसे बड़े खर्च किए हैं या विदेश यात्रा पर बड़ा खर्च किया है तो इसका आपकी आय और खर्च के बीच तालमेल न होने पर आयकर नोटिस मिल सकता है। 3. फॉर्म 26एएस, फॉर्म 16 के विवरण का मेल खाना जरूरी
आईटीआर भरने से पहले फॉर्म-26एएस और फॉर्म-16 या टीडीएस सर्टिफिकेट को क्रॉस-चेक करें। विवरण अलग-अलग हों तो वजह जानें। नियोक्ता से ठीक कराएं। रिफंड कम हो सकता है। आय का एआईएस (एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट) व टीआईएस (टैक्सपेयर्स इनकम समरी) से मिलान जरूरी है। 4. बैंक खातों से लेकर पर्सनल जानकारी तक में गलती न करें
आईटीआर में नाम, पता, मेल आईडी, फोन नंबर, पैन, जन्म तिथि, आदि व्यक्तिगत विवरण एकदम सही लिखा जाना चाहिए। ये आपके पैन कार्ड से मिलने चाहिए। अगर आप रिफंड क्लेम कर रहे हैं तो आपके बैंक विवरण भी सही होना चाहिए। अगर एक से अधिक बैंक खाते हैं तो सभी का विवरण भरें। 5. आय के सभी स्रोत न बताने पर 200% तक जुर्माना
आय के सभी स्रोतों को घोषित करें। अन्य स्रोत से आय छिपाने पर कर देयता का 50% से 200% तक जुर्माना लग सकता है। अपनी विदेशी आय, एसेट, खातों और शेयरों सहित अन्य आय और देनदारी संबंधी जानकारी आईटीआर में निर्धारित प्रारूप में भरें। भले ही वह आय भारत में कर योग्य हो या नहीं। 6. टैक्स से छूट वाली जैसे कृषि से होने वाली आय को न छिपाएं
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय बड़ी गलती छूट वाली आय को घोषित न करना है। जैसे कृषि आय टैक्स फ्री है। पार्टनर फर्म से मिलने वाला प्रॉफिट शेयर टैक्स फ्री है। अगर आपको इससे आय होती है तो इसे निर्धारित कॉलम में दर्ज करें। यह आपके वित्तीय लेनदेन की पूरी तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए जरूरी है। 7. वित्त वर्ष में एक से अधिक जॉब बदली है तो अलर्ट रहें
अगर नौकरी बदली है तो पुराने नियोक्ता से मिले फॉर्म 16 को नए नियोक्ता को दें। ताकि नया नियोक्ता सही टीडीएस काट सके। स्टैंडर्ड डिडक्शन का समुचित लाभ मिल सके। जानकारी न देने पर हो सकता है कि दोनों नियोक्ता से स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिला हो, जो गलत है। रिटर्न के वक्त ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है। 8. एचआरए का फायदा लेते वक्त गलत दावे कतई न करें
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत, वेतनभोगी अपने वेतन के एक हिस्से के रूप में एचआरए छूट का दावा कर सकते हैं। वैध दावों के लिए रेंट एग्रीमेंट, किराये की रसीदें और 1 लाख+ सालाना किराए पर मकान मालिक का पैन नंबर जरूरी है। किराए परिसर में निवास भी जरूरी है, क्योंकि विभाग आपके दावे को वेरिफाई कर सकता है। 9. पैनकार्ड इनएक्टिव न हो और आधार से लिंक हो
आयकर विभाग उन लोगों पर 10 हजार तक का जुर्माना लगा सकता है, जिनका पैन कार्ड इनएक्टिव हो चुका है। अगर पैन और आधार लिंक्ड नहीं हैं तो आप आईटीआर नहीं भर पाएंगे। 10. ई-वेरिफिकेशन से न चूकें
आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन जरूरी है। किसी वजह से यह नहीं कर पाएं तो फाइलिंग के 30 दिनों में आईटीआर-वी फॉर्म पर हस्ताक्षर करके पोस्ट से सेंट्रलॉइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) को भेजें।
