दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने अमेरिका के कर्ज संकट पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा- अमेरिकी सरकार की कमाई का 25% हिस्सा तो कर्ज के ब्याज में ही जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हालत ये होगी कि सरकार के पास सिर्फ ब्याज चुकाने के लिए पैसे होंगे। सोशल सिक्योरिटी, मेडिकल, डिफेंस जैसी जरूरी चीजों के लिए कुछ नहीं बचेगा। मस्क ने हाल ही में ये भी कहा था कि ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ जैसे स्पेंडिंग बिल्स इस कर्ज को और बढ़ा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद देश को दिवालिया बना रही है। सवाल 1: अमेरिका का कर्ज कितना है और ब्याज कितना देना पड़ रहा है? जवाब: इलॉन मस्क ने अपनी पोस्ट में वॉल स्ट्रीट माव नाम के एक अकाउंट को कोट किया, जिसमें बताया गया कि अमेरिका का कर्ज 36.9 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 3200 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक… वहीं हर साल अमेरिका को ब्याज के तौर पर 1.2 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 103 लाख करोड़ रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। ये रकम डिफेंस डिपार्टमेंट के 1 ट्रिलियन डॉलर के बजट से भी ज्यादा है। मस्क ने सितंबर 2024 में ऑल इन पॉडकास्ट में भी ये बात कही थी। सवाल 2: इसी तरह चलता रहा तो आने वाले सालों में ये कितना हो सकता है? जवाब: अरबपति निवेशक रे डालियो ने कहा कि अगले 10 सालों में अमेरिका का कर्ज 50-55 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो उसकी कमाई का 6.5-7 गुना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका का बढ़ता कर्ज एक ‘इकोनॉमिक हार्ट अटैक’ की वजह बन सकता है। मूडीज ने भी कहा कि अगर ऐसा ही चला तो 2035 तक कर्ज जीडीपी का 140% हो जाएगा, जो 2024 में 98% था। अगर ट्रम्प की टैक्स पॉलिसी बरकरार रही तो हालत और खराब होगी। वहीं कॉन्ग्रेशनल बजट ऑफिस ने कहा कि 2055 तक कर्ज जीडीपी का 156% हो जाएगा। डेट-टू-जीडीपी रेश्यो ये बताता है कि किसी देश का कर्ज (डेट) उसकी सालाना कमाई (जीडीपी) के मुकाबले कितना है। इसे परसेंटेज में दिखाया जाता है। मान लीजिए एक देश का कर्ज 100 रुपए है और उसकी सालाना कमाई 50 रुपए है, तो डेट-टू-जीडीपी रेश्यो होगा 100/50 = 200%। यानी कर्ज कमाई से दोगुना है। सवाल 3: अमेरिका पर कर्ज बढ़ने का वहां की जनता पर क्या असर होगा? जवाब: बाइपार्टिसन पॉलिसी सेंटर के मुताबिक, कर्ज बढ़ने से ब्याज का खर्चा इतना बढ़ जाएगा कि सरकार के पास जरूरी प्रोग्राम्स जैसे सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर, डिफेंस के लिए पैसे नहीं बचेंगे। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ब्याज का खर्चा मेडिकेड से ज्यादा हो गया है। सवाल 4: अमेरिका का कर्ज इतना क्यों बढ़ रहा है? जवाब: यूएस ट्रेजरी फिस्कल डेटा बताता है कि सरकार के खर्चे कमाई से ज्यादा हैं। जब खर्चा ज्यादा होता है, तो सरकार को कर्ज लेना पड़ता है। सवाल 5: सरकार इसको रोकने के लिए क्या कर रही है? जवाब: ट्रम्प सरकार ने मई 2025 में एक बजट पेश किया, जिसमें 163 बिलियन डॉलर यानी, करीब 14 लाख करोड़ रुपए की कटौती का प्लान है। इसमें एजुकेशन, हेल्थ, हाउसिंग और लेबर प्रोग्राम्स में कटौती होगी। स्टेट डिपार्टमेंट का बजट 26.5 बिलियन डॉलर (करीब 2.28 लाख करोड़ रुपए) और NOAA का 1.5 बिलियन डॉलर (0.13 लाख करोड़ रुपे) घटाने का प्रस्ताव है। लेकिन कई संगठनों ने इसका विरोध किया है, खासकर स्टूडेंट्स की फंडिंग में कटौती को लेकर। सवाल 6: मस्क ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ की आलोचना क्यों की? जवाब: इस बिल में 2017 के टैक्स कट्स को बढ़ाने और मिलिट्री व बॉर्डर सिक्योरिटी पर खर्च बढ़ाने की बात है। मस्क ने 3 जून को X पोस्ट में कहा था कि ये बिल बजट घाटे को 2.5 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 215 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ा देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस (संसद) देश को दिवालिया बना रही है। मस्क ने अपनी पोस्ट में लिखा,मैं अब और सहन नहीं कर सकता। यह बिल बहुत बड़ा, बेतुका और फिजूल खर्चों से भरा है। जिन लोगों ने इसके पक्ष में वोट दिया, उन्हें शर्म आनी चाहिए। एक दूसरे पोस्ट में मस्क ने कहा कि अगले साल नवंबर में हम उन सभी राजनेताओं को हटाएंगे, जिन्होंने जनता को धोखा दिया है। सवाल 7: किसी देश पर GDP के कितने परसेंट कर्ज को सही माना जाता है? मूडीज के मुताबिक, 60% से ज्यादा कर्ज होने पर देश को ब्याज चुकाने में दिक्कत होती है, और आर्थिक स्थिरता खतरे में पड़ती है। 60% रेश्यो को इसलिए सही माना जाता है, क्योंकि इससे देश अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च किए बिना विकास, हेल्थ, और डिफेंस जैसे क्षेत्रों में खर्च कर सकता है। अगर ये रेश्यो बढ़ता है, जैसे अमेरिका में अभी 123% है, तो ब्याज का बोझ बढ़ता है, और सरकार के पास जरूरी खर्चों के लिए पैसे कम बचते हैं। हालांकि, कुछ इकोनॉमिस्ट कहते हैं कि विकसित देश जैसे अमेरिका या जापान (जिसका रेश्यो 266% है) ज्यादा कर्ज सह सकते हैं, क्योंकि उनकी करेंसी और इकोनॉमी मजबूत होती है।
