छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग का गौ संरक्षण पर जोर:अध्यक्ष ने गोबर से चिकित्सा और प्राकृतिक खेती को बताया प्रभावी, तस्करी रोकने पुलिस को निर्देश

छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल के सारंगढ़ प्रवास के दौरान कलेक्टर कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अध्यक्ष ने गौ संरक्षण, संवर्धन, उत्पाद और हर घर गौ पालन के प्रति जागरूकता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गाय चलता फिरता रसायन है और इसके गोबर में रेडिएशन को कम करने की क्षमता है, जैसा कि विज्ञान ने भी माना है। रूस और अमेरिका जैसे देशों में गोबर से चिकित्सा उपचार किए जा रहे हैं, जिससे बीपी और शुगर जैसी बीमारियां कम हो रही हैं। गाय के रोम-रोम से निकलने वाला ऑक्सीजन ‘वेरिफाइड ऑक्सीजन’ है, और कोरोना काल में गाय के संपर्क में रहने वाले गौ सेवकों और पशुपालकों को कोरोना नहीं हुआ।​ बैठक में कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे, पुलिस अधीक्षक अंजनेय वार्ष्णेय, पशु चिकित्सा विभाग, नगरीय निकाय, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, गौ शाला संचालनकर्ता, गौ सेवक और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। अध्यक्ष ने गायों के लिए आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करने, विभागीय अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जन-जन को गाय के महत्व को समझाने और जागरूक करने की बात कही। उन्होंने पुलिस विभाग को गायों की तस्करी पर विशेष निगरानी रखने और इसे रोकने के लिए सजगता से कार्य करने के निर्देश दिए।​ बैठक में उपस्थित नागरिकों ने सुझाव दिए कि खेतों में आग न लगाई जाए, जिससे गाय और अन्य पशुओं का भोजन नष्ट न हो। यदि कोई व्यक्ति सड़क किनारे पेट्रोल पंप या दुकानों में बैठने पर गाय को भगाता है और गाय सड़क पर बैठती है, जिससे दुर्घटना होती है, तो उस दुकानदार या पेट्रोल पंप के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जाए।

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