छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस अफसरों में डीजी पवनदेव की संपत्ति का मूल्य सर्वाधिक 3 करोड़ 88 लाख रुपए है। इसमें सबसे अधिक कीमत धमधा के मेडेसरा की जमीन की है, जो 1 करोड़ 40 लाख रुपए की है। 2020 से तुलना करें तो इनकी घोषित संपत्ति में 525% का इजाफा हुआ है। जबकि प्रदेश के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) अरुण देव गौतम के पास सिर्फ एक मकान है। उसकी वर्तमान कीमत 50 लाख रुपए है। ये आंकड़े डीजी रैंक के 4 और एडीजी रैंक के 5 अधिकारियों द्वारा गृह मंत्रालय (केंद्र) को 2020 और 2025 में दी गई ऑनलाइन जानकारी पर आधारित हैं। दीपांशु काबरा को 18 लाख रु से ज्यादा सालाना किराया – एडीजी रैंक के अफसर दीपांशु काबरा को अपनी विभिन्न संपत्तियों से सालाना 18 लाख रुपए से ज्यादा किराया मिलता है।
वहीं डीजीपी गौतम को 1 लाख 20 हजार तो हिमांशु गुप्ता को 1 लाख 25 हजार और पवनदेव को 1 लाख 34 हजार का सालाना किराया मिलता है। 110 अधिकारियों की जानकारी ऑनलाइन
2025 में छत्तीसगढ़ कैडर के कुल आईपीएस अधिकारियों में 110 अफसरों की जानकारी वेबसाइट पर है। इसमें अशोक जुनेजा सेवामुक्त हो चुके हैं। कुल 5 अफसरों का आईपीआर स्टेटस नहीं दिख रहा है। इसमें एससी द्विवेदी, एम तोंग, अंकिता शर्मा, मयंक श्रीवास्तव और जे ठाकुर और डीजी रैंक के अधिकारी जीपी सिंह का नाम शामिल है। डीजी रैंक के अफसरों की संपत्ति 2025 चार एसपी करोड़पति प्रदेश में 33 जिलों में तैनात एसपी में से 4 करोड़पति हैं। दुर्ग जिले में तैनात जितेंद्र शुक्ला के पास सबसे अधिक 2 करोड़ 10 लाख की संपत्ति है। वहीं, राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग के पास 1 करोड़ 95 लाख, रायपुर पुलिस प्रमुख लाल उम्मेद सिंह के पास 1 करोड़ 68 लाख और कवर्धा एसपी धर्मेंद्र छवई के पास 1 करोड़ 41 लाख की संपत्ति है। 33 में से 18 जिला पुलिस प्रमुखों ने दी गई जानकारी में NIL लिखा है।
