छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूटकेस हत्याकांड केस के मृतक किशोर पैकरा की लाश को लेने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा। ऐसे में पुलिस ने शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी खड़े दिख रहे हैं। सामने किशोर की चिता जल रही है। वहीं दूसरी ओर पुलिस चारों आरोपियों को लेकर सीन रीक्रिएशन के लिए इंद्रप्रस्थ के फ्लैट में पहुंची, जहां हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने वारदात का सीन-रिक्रिएशन करवाया। आरोपियों ने फ्लैट के अंदर किस तरह किशोर की हत्या की। उसकी लाश को लगेज में किस तरह पैक किया। इसके अलावा पेटी को फ्लैट से नीचे उतारकर कार में कैसे रखा। अंतिम में पुलिस आरोपियों को उस जगह पर भी लेकर गई, जहां उन्होंने लाश को पेटी समेत छोड़ दिया था। इस दौरान आरोपी लगातार हत्याकांड के बारे में पुलिस को हर स्टेप्स को बताते दिखाई दिए। विस्तार से पढ़िए इस हत्याकांड में कौन-कौन शामिल थे, उनकी भूमिका क्या थी, आखिर क्यों बुजुर्ग को मारा गया ? सबसे पहले आप इस हत्याकांड की टाइमलाइन वाली ग्राफिक्स से गुजर जाइए… अब आरोपियों की भूमिका जानने के लिए इस ग्राफिक्स से गुजर जाइए… पहले पढ़िए सीन रीक्रिएशन से जुड़ी कुछ जानकारियां पुलिस ने किशोर हत्याकांड को डिटेल में समझने के लिए हूबहू वैसे ही पेटी और लगेज मंगवाया था, जो हत्या के बाद लाश ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इसका साइज और रंग भी वैसा ही था। फ्लैट के भीतर सीन रिक्रिएशन करने के बाद पेटी को एक कार के पीछे रखा गया। जैसे आरोपी ने वास्तव में किशोर की लाश को रखी थी, फिर आरोपी लाश को ठिकाने लगाने के लिए जिन रास्तों से गुजरे उन्हीं रास्तों से उस जगह पर पहुंचा गया। जहां आरोपियों ने अपने हाथ से पेटी को उठाकर वापस रखा। सीन रीक्रिएशन से जुड़ी ये तस्वीरें देखिए… सीन क्रिएशन देखने लोगों की उमड़ी भीड़ पुलिस आरोपियों को लेकर जब इंद्रप्रस्थ के फ्लैट पहुंची तो वहां पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ गई। लोग हत्यारों को करीब से देखना चाह रहे थे। साथ ही उन्होंने किस तरह पूरी हत्या को अंजाम दिया है, लोग इसे देखकर जानना चाह रहे थे। सीन रीक्रिएशन के अंतिम स्टेप लाश को ठिकाने लगाने के दौरान वहां पर भी बड़ी तादाद में भीड़ दिखी। फ्लैट के अंदर पुलिस और FSL की टीम को क्या-क्या मिला ? पुलिस के मुताबिक, FSL टीम ने पहली बार आरोपी के साथ फ्लैट में घुसी। फ्लैट के अंदर से उन्हें कई अहम सबूत मिले हैं, जो आरोपियों को सजा दिलाने में मददगार साबित होंगे। इनमें खून से सनी चादर, सीमेंट की बोरी, फर्श पर खून के निशान, किशोरी का वॉकर, चाकू और लोअर शामिल हैं। जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, 23 जून को रायपुर के रायपुरा की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी फेज-2 के पास पेटी में रखकर युवक की सड़ी हुई लाश फेंकी गई। दोपहर बाद से पूरे इलाके में लाश की गंध इतनी फैल रही थी कि शाम होते-होते लोग झाड़ियों में देखने पहुंच गए। वहां ट्रंक देखकर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब ट्रंक खुलवाया तो लाश भीतर एक सूटकेस में ठूंसी हुई मिली। सूटकेस में सीमेंट का प्लास्टर था। फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनुसार सीमेंट का मोटा प्लास्टर करने से लाश सड़ने पर दुर्गंध नहीं उठती। हत्यारों ने इसी वजह से कत्ल के बाद युवक की शव को ट्रंक में ठूंसा, फिर उसमें सीमेंट का प्लास्टर किया। इसके बाद चेन लगाकर सूटकेस बंद किया, फिर भी जब दुर्गंध उठने लगी तो पकड़े जाने के डर से सूटकेस को पेटी में रखकर इंद्रप्रस्थ के सुनसान इलाके में फेंक दिया। आरोपियों ने इंद्रप्रस्थ आवास में ही किराए का फ्लैट लिया था। यहीं से वह सुबह 9:50 पर निकलते CCTV कैमरे में कैद हुए थे। इस दौरान उन्होंने भारी भरकम पेटी के अंदर लाश रखी हुई थी। कार इंद्रप्रस्थ कॉलोनी से सुबह 9.50 बजे निकली आरोपी ने प्लानिंग के तहत लाश को कार से लेकर गए। कार इंद्रप्रस्थ कॉलोनी से सुबह 9.50 बजे निकली। इसमें 2 लोग सवार दिख रहे हैं। इसके अलावा 2 ईवी सवार भी संदिग्ध है। जिस अल्टो कार में लाश ले जाई गई, उसमें दूसरी कार सेंट्रो का नंबर है। यह नंबर विजय भूषण के नाम पर दर्ज है। रजिस्ट्रेशन 20 साल पुराना है। झाड़ियों में जहां लाश भरी पेटी फेंकी गई है, वहां से करीब 100 मीटर दूर बस्ती है। वारदात के बाद पति-पत्नी और दोनों सहयोगी भाग गए थे। पुलिस ने चारों को किया गिरफ्तार वारदात के बाद पति-पत्नी ने फ्लाइट की टिकट बुक की, फिर दिल्ली में किराए के घर लेने का प्लान करके फरार हो गए थे। लाश मिलने के बाद पुलिस कार में रखी पेटी की पहचान करते हुए इंद्रप्रस्थ कॉलोनी पहुंच गई। यहां प्रत्यक्षदर्शी के बताए मुताबिक फ्लैट में भी पहुंची। इस दौरान मकान मालिक से संपर्क किया गया। अंकित ने साढ़े 6 हजार रुपए किराए की रकम ऑनलाइन दी थी। इसी से उसकी पहचान भी हो गई। पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन ट्रैक कर दिल्ली से गिरफ्तार किया। साथ ही आरोपियों ने 2 सहयोगी विनय और सूर्यकांत के बारे में भी बताया। अब जानिए 2 अन्य सहयोगी कैसे फंसे ? अंकित ने परिचित विनय यदु और सूर्यकांत यदु से संपर्क किया था। उन्हें मर्डर की बात बताई। भरोसा दिलाया कि उन्हें कुछ नहीं होगा, फिर दोनों लड़कों की मदद से पेटी को लिफ्ट से नीचे उतारकर कार में रखा। इसके बाद इंद्रप्रस्थ के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया। डर और तेज बदबू आने की वजह से उन्होंने यह पूरा कांड दिन में ही किया और भाग गए थे, लेकिन पति-पत्नी की गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपी भी रायपुर से पकड़े गए। …………………. इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… रायपुर सूटकेस हत्याकांड…इन 6 बड़ी वजहों से फंसे आरोपी: खून नहीं रोक पाए, पेटी में नाम लिखा मिला, फर्जी आधार-कार्ड दिया, लेकिन पेमेंट ऑनलाइन किया रायपुर सूटकेस हत्याकांड में पुलिस ने आरोपी अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस पूरी घटना में पुलिस को कई अहम सबूत और गवाह मिले हैं, जिनकी मदद से पुलिस 24 घंटे के अंदर ही आरोपियों तक पहुंच गई। पढ़ें पूरी खबर
