सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने वाले मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने पूछा, ‘जय श्रीराम का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है।’ सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में कथित रूप से जय श्रीराम का नारा लगाने वाले 2 लोगों के खिलाफ FIR रद्द करने के 13 सितंबर के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। इस पर जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस संजीव मेहता की बेंच ने पूछा कि दोनों लोग एक धार्मिक नारा लगा रहे थे या कहें कि एक व्यक्ति का नाम ले रहे थे। ये अपराध कैसे हो सकता है। पहले समझें पूरा मामला
यह मामला दक्षिण कर्नाटक जिले के कडाबा पुलिस स्टेशन का है। याचिकाकर्ता हैदर अली ने 25 सितंबर, 2023 को पुलिस में कीर्थन कुमार और सचिन कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी कि दोनों ने ऐथुर गांव की बदुरिया जुम्मा मस्जिद में घुसकर जय श्रीराम के नारे लगाए थे। पुलिस ने दोनों लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 447 (ट्रेसपास) और 505 व 506 (आपराधिक धमकी) समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पुत्तूर के लोकल कोर्ट ने इन धाराओं के खिलाफ जांच जारी रखने की अनुमति दे दी। आरोपियों ने राहत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने 13 सितंबर को इसे अपराध न मानते हुए दोनों लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में दर्ज केस को खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट रूम LIVE कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था- कथित अपराध का कोई सबूत नहीं
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कहा था, ‘जिन अपराधों की शिकायत की गई है उनका कोई सबूत नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने की इजाजत देने से कानून और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।’ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह समझा जा सकता है कि अगर कोई जय श्रीराम का नारा लगाता है तो किसी क्लास की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। शिकायत में यह बताया गया है कि शिकायतकर्ता ने खुद नहीं देखा था कि वह कौन है जिसने कथित रूप से धमकी देने का अपराध किया है, जिस पर IPC की धारा 506 के प्रावधान लागू होते हैं। ——————— धार्मिक मुद्दों से जुड़े विवादों की ये खबरें भी पढ़ें… प्रियंका फिलिस्तीन के सपोर्ट वाला बैग लेकर संसद पहुंचीं:उस पर लिखा था- फिलिस्तीन आजाद होगा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी सोमवार को संसद में फिलिस्तीन के समर्थन वाला एक बैग लेकर पहुंची। इस पर लिखा है- ‘फिलिस्तीन आजाद होगा।’ हैंड बैग पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर और तरबूज भी बना था। इसे फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। पूरी खबर यहां पढ़ें… संभल के मुस्लिम मोहल्ले में मिले मंदिर का सच:46 साल पहले दंगा भड़का, 184 मौतें; हिंदुओं ने घर छोड़ा तो पूजा रुकी संभल की शाही जामा मस्जिद से करीब एक किमी दूर है खग्गू सराय मोहल्ला। मेन रोड से करीब 500 मीटर अंदर जाने पर एक पुराना मंदिर दिखाई देता है। करीब 70 गज जमीन पर बने इस मंदिर में 46 साल बाद पहली बार पूजा की गई। 14 दिसंबर को संभल के DM राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण बिश्नोई टीम के साथ बिजली चोरी पकड़ने खग्गू सराय मोहल्ले में गए थे। इसी दौरान बंद पड़े इस मंदिर का पता चला। पूरी खबर यहां पढ़ें…