छत्तीसगढ़ विधानसभा का आज से मानसून सत्र शुरू हो गया है। सदन में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सक्ती रियासत के राजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन पर शोक जताया गया। दोनों दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। वहीं सदन की कार्रवाई से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, सीएम साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, डिप्टी सीएम अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक अजय चंद्राकर अन्य सदस्य मौजूद रहे। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने रविवार को कांग्रेस के सभी विधायकों की राजीव भवन में बैठक बुलाई। इस दौरान महंत ने कहा कि सत्र बहुत कम समय के लिए बुलाया गया है। पहले ही दिन खाद और बीज की कमी को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाएंगे। महंत ने कहा कि बैठक में साय सरकार को घेरने की रणनीति तय की गई। विधायक पूरी मजबूती और आक्रामकता के साथ सत्र में शामिल होंगे। सरकार से जवाब मांगेगे कि किसानों की समस्याओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा। सदन में मोटी लाठी लेकर जाएंगे। वहीं CM विष्णुदेव साय की मौजूदगी में बीजेपी विधायक दल की भी बैठक हुई। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है। कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं। साथ ही कहा कि सरकार कांग्रेसियों की तरह भागने वाली नहीं है। शराब घोटाले की राशि और बढ़ गई है। वहीं केदार कश्यप ने कहा कि कई घोटाले हैं, जो कांग्रेस के कारनामों को उजागर करती है। छत्तीसगढ़ की जनता ने उनको चलने लायक छोड़ा नहीं है। चश्मा भी लगा लें, लाठी लेकर चलना भी प्रारंभ कर लें। इसके अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है। अब जानिए बैठक को लेकर क्या-क्या बोले महंत ? डॉ. महंत ने कहा कि राज्य में अलग-अलग वर्गों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मुद्दे भी सदन में जोर-शोर से उठाए जाएंगे। रेत के अवैध खनन के दौरान गोली चलने की घटनाएं, कानून-व्यवस्था की स्थिति, स्कूलों का युक्तियुक्तकरण, शराब दुकानों का खोला जाना। बिजली की दरों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेरेगी। उन्होंने कहा कि विधायक दल पूरे दमखम के साथ विधानसभा में उतरने को तैयार हैं। बैठक में कुछ विधायक शामिल नहीं हो सके। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि कुछ विधायक राहुल गांधी की अगुवाई में आदिवासी विधायकों की बैठक में शामिल होने गए हैं। कुछ के निजी कार्यक्रम हैं। एक विधायक जेल में हैं, इसलिए वे नहीं आ सके। युवा बेरोजगार हैं, नकली शराब बिक रही बैठक से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया को बताया कि विधानसभा का मानसून सत्र कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। बैठक में सत्र की रणनीति तैयार की गई है। जनता से जुड़े हर महत्वपूर्ण विषय को सदन में पूरी ताकत से उठाया जाएगा। बैज ने कहा कि आज प्रदेश के किसान परेशान हैं, युवा बेरोजगार हैं। नकली शराब बिक रही है। अवैध उत्खनन हो रहा है। गरीबों के मकान तोड़े जा रहे हैं। उद्योगपतियों के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। ऐसे तमाम मुद्दों को हम प्रमुखता से उठाएंगे। कांग्रेस केवल सदन में नहीं, बल्कि सड़क पर भी जनता की आवाज़ बनेगी। विधायकों ने लगाए 996 सवाल बता दें कि 14 जुलाई से 18 जुलाई तक यानी 5 दिनों के मानसून सत्र को लेकर विधायकों ने कुल 996 सवाल लगाए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि इस बार सदन में तीखी बहस और सरकार पर विपक्ष के तीखे हमले देखने को मिल सकते हैं। राज्य में भाजपा सरकार बने करीब डेढ़ साल हो चुके हैं। अब कांग्रेस इन 18 महीनों के दौरान हुई गड़बड़ियों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के डेढ़ साल पूरे होने के बाद अब विपक्ष सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर जनता के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाएगा। राज्य गठन के बाद पहली बार अनुपूरक बजट नहीं विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश नहीं करेगी। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार अनुपूरक बजट नहीं ले रही है। सरकार ने इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को दे दी है। इस संबंध में विधानसभा और वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार के पास अगले तीन माह के खर्च लायक वित्तीय व्यवस्था होने की वजह से प्रथम अनुपूरक बजट पेश नहीं करने का निर्णय लिया गया है। यह भी बताया गया है कि सरकार ने बीते बजट सत्र में आकस्मिकता निधि में बढ़ोतरी कर दी थी। इसे इसी वित्त वर्ष से ही 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ का किया गया है। इस मद से 999 करोड़ तक के आकस्मिक खर्च किए जा सकेंगे। ……………………………………………………. इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें 25 साल बाद बदलेगा विधानसभा का पता:मौजूदा विधानसभा भवन का आखिरी सत्र 14 जुलाई से, दिसंबर का शीत सत्र नए भवन में छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होगा। 18 जुलाई तक चलने वाले सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। यह सत्र मौजूदा विधानसभा भवन का आखिरी सत्र होगा। दिसंबर में होने वाला शीतकालीन सत्र नवा रायपुर की नई विधानसभा बिल्डिंग में होगा। नवंबर में होने वाले राज्योत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस भवन का उद्घाटन किया जाएगा। बताया जाता है कि पांच दिन का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। पढ़ें पूरी खबर…
