रायपुर में अमलीडीह इलाके की सरकारी जमीन एक प्राइवेट बिल्डर को दिए जाने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस के नेता पंकज शर्मा ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकारी रिकॉर्ड में फिर से इस जमीन को लिया जाए और यहां पहले से तय योजना के मुताबिक कॉलेज बनाया जाए। दूसरी तरफ लगातार बढ़ रहे विवाद को देखकर प्रशासन भी जागा है। अब रायपुर संभाग के कमिश्नर महदेव कावरे इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। अपनी जांच रिपोर्ट महादेव कावरे शासन को सौपेंगे। इसके बाद सरकार आगे का फैसला करेगी। मंगलवार को अमलीडीह विवाद पर पंकज शर्मा ने कहा- यहां जनता से जुड़े प्रोजेक्ट बनते तो करीब 2.50 लाख लोगों को फायदा होता। लेकिन यहां तो जमीन ही रामा बिल्डर नाम का संस्थान चलाने वाले बिल्डर को बेच दी गई। कांग्रेस की लाई योजना थी पंकज ने कहा कि सरकारी जमीन का जनता के उपयोग हो सके ये कांग्रेस की सरकार का प्रोजेक्ट था। नियमों के मुताबिक शासकीय भूमि को विक्रय करने की निम्नाकिंत कंडिका क्रमांक 2.6 एवं 2.7 में साफ उल्लेखित है कि लोक प्रयोजन की किसी भी भूमि का आबंटन नहीं होगा। जमीन पर महाविद्यालय का प्रोजेक्ट प्रस्तावित था। पंकज ने कहा कि कांग्रेस द्वारा करोड़ो रुपयों के प्रस्तावित विकास कार्यों तक को निरस्त कर दिया गया है, लेकिन भाजपा द्वारा भ्रष्टाचार करने के लिये कांग्रेस द्वारा बनाए गए कानून का दुरूपयोग कर बिल्डर को लोकहित के लिए आरक्षित भूमि को आबंटित कर दिया गया। आंदोलन की तैयारी पंकज ने कहा कि इससे पहले आम लोगों और कांग्रेसजनों ने महाविद्यालय के लिए आरक्षित भूमि आबंटन की सूचना मिलने पर आबंटन निरस्त करने के लिए शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया था। शर्मा ने कहा कि मैं राज्य शासन से मांग करता हूं कि आचार संहिता के समय राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं जिम्मेदार अधिकारियों ने उक्त प्रस्ताव को स्वीकृत कर जमीन आबंटन किया है, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। यदि इस पर निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश की भाजपा सरकार को एक बड़े जन आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।