कोंटा की नक्सली वारदात में शहीद आकाश राव गिरिपूंजे की बिटिया पीहू का 11 जून को जन्मदिन था। बिटिया कई दिनों से उन्हें अपने जन्मदिन पर आने को कह रही थी। बिटिया की जिद देखकर उन्होंने रायपुर आने के लिए छुट्टी ले ली थी। 10 जून को वे रायपुर पहुंचने वाले थे, लेकिन सोमवार को 9 जून को ही मौत उन्हें लेकर आ गई। सोमवार की शाम करीब 5.30 बजे जब उनका शव उनके भाठागांव स्थित घर लाया गया तो पिता, पत्नी और मां के साथ पूरे परिवार का करुण रुदन पूरे इलाके में गूंज उठा। पत्नी और मां तो फ्रीजर पर ही लिपट कर रोने लगीं। वे बस यही कह रही थीं… कैसे चले गए। एक बार तो उठ जाइए। बच्चों को किसके भरोसे छोड़ गए। आस-पास के लोगों का हुजूम पहले से मौजूद था। परिवार वालों की स्थिति देखकर वहां मौजूद पड़ोसियों और दोस्तों के अलावा पुलिस जवानों और स्वास्थ्य विभाग की टीम की आंखें भी नम हो गईं। आकाश के शहीद होने की खबर एसएसपी डा. लालउमेद सिंह खुद उनके घर पहुंचे। उनके साथ शहर के दोनों एडिशनल एसपी थे। विस्फोट की खबर घर वालों को मिल गई थी। वे बार-बार आकाश को फोन भी लगा रहे थे, लेकिन फोन बंद था। इस वजह से उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हो गई थी। सोशल मीडिया में भी कई तरह की खबरें चल रही थीं, लेकिन सभी के मन में एक उम्मीद थी। एक बार पापा कह दे बेटा एक बार उठ जा बेटा, एक बार पापा कह दे… शहीद बेटे के शव के सामने बिलखते हुए कह रहे थे पिता गोविंद राव गिरिपुंजे। मेरा बेटा, मेरा शेर, एक बार तो उठ, एक बार पापा बोल… बेटे के शव के सामने उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। वे लगातार एक ही बात कह रहे थे, मेरा बेटा, मेरा शेर, एक बार उठ जा, तुझे बोला था मैंने अब एसपी बनकर आना, उठ जा बेटा, अब कभी तुझे कुछ नहीं बोलूंगा। कभी कुछ नहीं बोलूंगा। बाबू रे, मुझे बोला था, पुलिस बनकर दिखाएगा, बनकर दिखाया, लेकिन तुझे ऐसे छोड़कर जाने नहीं कहा था बेटा, एक बार उठ जा बाबू…। चाचा बसंत गिरपूंजे बिलखते हुए कह रहे थे… अनपढ़ बाप का पढ़ा लिखा औलाद था। मैंने उसे बोला था अब एसपी बनकर ही लौटना, मुझे उसने वादा किया था, वो एसपी बनेगा, लेकिन इस तरह साथ छोड़ देगा ये किसी ने नहीं सोचा था। 11 को उसकी बेटी का जन्मदिन है, इसलिए वह काफी खुश था। आज सुबह माना में होगी रीथ सेरेमनी सुबह करीब 9 बजे माना में शहीद एएसपी आकाश की रीथ सेरेमनी होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा के अलावा डीजीपी सहित सभी आला अधिकारी इस दौरान मौजूद रहेंगे। रीथ सेरेमनी के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी। महादेव शमशान घाट में सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले दोपहर को अंबेडकर अस्पताल के चीरघर में एएसपी का पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान कलेक्टर गौरव कुमार सिंह और एसएसपी सहित जिले के तमाम आला अफसर मौजूद थे। एसएसपी ने घर जाकर दी शहादत की सूचना शहादत की सूचना देने सोमवार की सुबह एसएसपी खुद घर पहुंचे तो उन्हें देखते ही पूरा परिवार सिहर गया। उनकी जुबानी शहादत की खबर सुनते ही पूरा परिवार एक दूसरे से लिपटकर रोने लगा। चाचा बसंत गिरिपूंजे और नरेंद्र गिरिपूंजे व अन्य रिश्तेदारों ने स्थिति संभाली। उन्होंने किसी तरह उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन काफी देर तक सब बदहवास थे। बार-बार बेसुध हो रही थी पत्नी शहीद की पत्नी स्नेहा बार-बार बेसुध हो रही थी। आकाश की बहनें, सास, पत्नी का भाई और बाकी रिश्तेदार बार-बार उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे। वो जिसे भी देखती उससे लिपटकर कहने लगती, एक बार उन्हें उठा दो बस एक बार उठा दो। रिश्तेदार बार-बार उन्हें शहीद के शव से दूर ले जा रहे थे, लेकिन वो थोड़ी थोड़ी देर में वहां आकर रोने लगती थी। आकाश की बेटी पीहू और बेटे सिद्धांत को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। वे सबको बस टुकुर टुकुर देख रहे थे। कभी मां को देखकर रोते खुद रोने लगते। फिर खामोश हो जाते, उन्हें शायद ये समझ ही नहीं थी पापा अब कभी नहीं उठेंगे।
