मोदी ने पूछा-बहू साड़ी बनाना सीखकर आई या आपने सिखाया:महेश्वर की हेमलता बोलीं- 6 पीढ़ी से बना रहे; मोदी से मिली 8 महिलाओं के अनुभव

पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने महिलाओं को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की जिस डॉ. जयमति कश्यप को राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान से नवाजा, उन्हें 24 घंटे पहले तक ये पता ही नहीं था कि पीएम मोदी के हाथों उनका सम्मान होने वाला है। वो एक अधिकारी के साथ आईं थी, जब अवॉर्ड की रिहर्सल हुई तो उन्हें पता चला। पीएम मोदी ने इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली 8 महिलाओं से बातचीत की। आत्मनिर्भर बनी इन महिलाओं की सक्सेस स्टोरी भी जानी। प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाली इन महिलाओं से दैनिक भास्कर ने उनके अनुभव जाने। उन्होंने पीएम मोदी से होने वाली बातचीत को साझा किया। पीएम से मिलने वाली 8 महिलाओं ने क्या कहा?… 1. डॉ. जयमति, राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान मिला 2. हेमलता ढाकले, हैंडलूम संचालिका, महेश्वर पीएम नरेंद्र मोदी ने जंबूरी मैदान पर बने मंच के पीछे प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान वे महेश्वर की हैंडलूम संचालिका हेमलता ढाकले से मिले। हेमलता के वंशजों को देवी अहिल्याबाई ने हैंडलूम पर साड़ी बनाने की शुरुआत कराई थी। वे छठवीं पीढ़ी की सदस्य हैं जो महेश्वरी साड़ी, शॉल और तमाम वस्त्र हथकरघा से बनाने का काम करतीं हैं। हेमलता ने पीएम मोदी से हुई बातचीत दैनिक भास्कर से साझा की… हेमलता: प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे पूछा कि ये काम कब से कर रहीं हो? इस पर मैंने कहा कि 40 साल से काम कर रहीं हूं। मैंने उनको बताया कि ढाई सौ साल पहले अहिल्याबाई आई थीं। उस समय से ये बुनाई का काम चल रहा है। मेरी छह पीढ़ी से यह काम हो रहा है। मेरे घर पर 5 मशीनें हैं। मेरे लड़के- बहू सब यही काम करते हैं। हेमलता: प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि बहू अपने घर से सीखकर आई थी या आपने सिखाया? इस पर मैंने कहा कि बहू तो दूर गांव से लाए थे। हमने उसे ये काम सिखाया। 3. मीनाक्षी ढाकले, हैंडलूम संचालिका की बहू मीनाक्षी ढाकले ने पीएम मोदी को महेश्वरी शॉल भेंट की। मीनाक्षी ने दैनिक भास्कर को बताया कि पीएम ने मेरा नाम और ये पूछा कि आप क्या करती हैं? महीने में कितना कमा लेते हैं? मैंने प्रधानमंत्री को बताया कि हम महेश्वरी साड़ी का काम करते हैं। महीने में 8 हजार रुपए महीना कमा लेते हैं। हमने उन्हें हैंडलूम की शॉल भेंट की है। मुझे ये काम मेरी सास और पति ने सिखाया। मेरा मायका बुरहानपुर में हैं। मैंने अपनी ससुराल महेश्वर में ये काम सीखा है। ये सारी बातें सुनकर मोदी ने कहा- बहुत अच्छा शाबाश। 4. अनामिका बेलवंशी, वॉश ऑन व्हील्स, छिंदवाड़ा पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रदर्शनी में छिंदवाड़ा जिले में पब्लिक और प्राइवेट टॉयलेट्स को साफ रखने के लिए शुरू किए गए नवाचार वॉश ऑन व्हील्स के बारे में अनामिका बेलवंशी से बातचीत की। वहीं, छिंदवाड़ा जिला पंचायत के सीईओ अग्रिम कुमार ने भी इस इनिशिएटिव के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी। अनामिका: पीएम मोदी ने मुझसे पूछा कि मैं कितने समय से यह काम कर रही हूं, तो मैंने बताया कि 7 महीने से। फिर उन्होंने पूछा कि अब तक कितना कमाया है, तो मैंने बताया कि ₹2,40,000 कमाए हैं और हर महीने ₹30,000 मिलते हैं। अनामिका: पीएम ने मुझसे पूछा कि वॉश ऑन व्हील क्या है और यह कहां स्थित है? मैंने कहा कि वॉश ऑन व्हील छिंदवाड़ा का एक नया स्टार्टअप है, जो स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार कर रहा है। अनामिका: पीएम को मैंने बताया कि मैं वॉश ऑन व्हील में पिछले सात महीने से कार्यरत हूं। मैं आधुनिक मशीनों से सफाई का काम करती हूं। स्कूल, आंगनवाड़ी, हॉस्पिटल, पुलिस स्टेशन और व्यक्तिगत शौचालयों की सफाई करती हूं। मेरी हर महीने की आय ₹30,000 है। 5. अग्रिम कुमार, छिंदवाड़ा जिला पंचायत सीईओ सीईओ: मैंने पीएम मोदी को बताया कि संस्थागत और व्यक्तिगत शौचालयों की सफाई नहीं होती थी और वे बंद रहते थे। हम स्वच्छता के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते थे। छिंदवाड़ा में करीब 1100 संस्थागत शौचालय हैं। इस समस्या को हल करने के लिए हमने इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाली आधुनिक और नॉन-टचेबल सफाई मशीनों का उपयोग करते हुए यह स्टार्टअप शुरू किया। इस साल हमने करीब 36 लाख रुपए का रेवेन्यू कमाया है। सीईओ: मैंने पीएम को बताया कि हमारी टीम में लगभग 36 लोग हैं, जो छिंदवाड़ा और पांढुर्णा दोनों जिलों में कार्यरत हैं। सीईओ: इस सेवा की बुकिंग क्यूआर कोड के माध्यम से की जाती है, जो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। उपयोगकर्ता अपना समय स्लॉट चुन सकते हैं। फिलहाल इसका एक मोबाइल ऐप भी है, और हम जल्द ही नया ऐप लॉन्च करने की तैयारी में हैं। सीईओ: इस सेवा का चार्ज दूरी के अनुसार तय होता है। 6. कविता चौहान, नमो ड्रोन दीदी, खंडवा पीएम मोदी ने महिला सम्मेलन में खंडवा के हरसूद विधानसभा क्षेत्र के रेवापुर गांव की नमो ड्रोन दीदी कविता चौहान से प्रदर्शनी में बातचीत की। कविता ने पीएम को बताया मैं ‘नमो ड्रोन दीदी’ हूं। मैं किसानों के खेतों में ड्रोन से स्प्रे करने का काम करती हूं। मैं जनवरी 2024 से इस योजना से जुड़ी हूं। मैंने एमए तक पढ़ाई की है। मैं खंडवा जिले के हरसूद की रहने वाली हूं और लगभग दो जिलों में ड्रोन की सेवाएं देती हूं। कविता ने पीएम को बताया इस काम में मेरे पति का भी मुझे पूरा सहयोग मिलता है। पीएम ने मुझसे पूछा कि अब तक आपने कितने एकड़ खेत में ड्रोन से स्प्रे किया है? मैंने बताया अब तक मैंने लगभग 2000 एकड़ जमीन पर ड्रोन से स्प्रे किया है। अब तक 6,00,000 रुपए की कमाई की है। कविता ने बताया कि मेरी प्रधानमंत्री जी से लगभग 5 मिनट बातचीत हुई। उन्होंने “नमो ड्रोन दीदी” योजना के बारे में बात की और मुझसे 2000 एकड़ में किए गए स्प्रे के काम के बारे में पूछा। इसके अलावा उन्होंने मेरे परिवार के बारे में भी जानकारी ली और मेरे काम की सराहना की। 7. उमा पाठक, टूरिस्ट विलेज लाड़पुरा (ओरछा) पीएम मोदी ओरछा के करीब टूरिस्ट विलेज लाड़पुरा में होम स्टे संचालन करने वाली उमा पाठक से मिले। उमा ने दैनिक भास्कर को बताया कि पीएम ने स्थानीय पर्यटन से जुड़े विषयों पर बात की। उमा: पीएम मोदी ने मुझसे पूछा कि आप किस क्षेत्र से जुड़ी हैं? मैंने बताया कि मैं लाडकुरा खास से हूं और खेती-किसानी से जुड़ी हूं। मैंने खेती-किसानी और स्थानीय पर्यटन से जुड़े विषयों पर मोदी से चर्चा की। मैंने उन्हें हमारे क्षेत्र में आने का निमंत्रण भी दिया। उमा: मैंने बताया कि यह सब मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से संभव हुआ। पहले मैं एक आम गृहिणी थी, लेकिन अब अपने पैरों पर खड़ी हूं। सीजन के दौरान मेरी आमदनी एक लाख रुपए से अधिक हो जाती है। मेरे परिवार में मेरे पति और बेटा हैं, और वे दोनों भी इसी काम से जुड़े हुए हैं। 8. दीक्षा राजा बुंदेला, क्रॉफ्ट विलेज, चंदेरी पीएम माेदी चंदेरी जिले के क्राफ्ट विलेज प्राणपुर की दीक्षा राजा बुंदेला से भी मिले। दीक्षा ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद अपने अनुभव दैनिक भास्कर से साझा किए। दीक्षा: प्रधानमंत्री मोदी से हमारी क्राफ्ट विलेज को लेकर बातचीत हुई। उन्होंने पिछली बार भी हमारे क्राफ्ट विलेज को प्रमोट किया था। इस बार भी उन्होंने इसे सराहा और प्रोत्साहन दिया। हमारे क्राफ्ट विलेज में एक “हैंडलूम कैफे” है, जिसे पूरी तरह महिलाएं संचालित करती हैं। यह स्थान महिलाओं के लिए सुरक्षित महसूस होता है, खासकर महिला टूरिस्टों के लिए। दीक्षा: मैंने पीएम को बताया कि मैं चंदेरी की रहने वाली हूं और चंदेरी साड़ियां बनाती हूं। यहां की खासियत है कि हर घर में सुंदर पेंटिंग होती है। हमारे गांव को ‘बेस्ट क्राफ्ट विलेज’ का खिताब मिला है, जो हमारे सामूहिक प्रयास और परंपरागत कला की पहचान है। 9. प्राची यादव, पैरालंपिक खिलाड़ी पैरालंपिक खिलाड़ी प्राची यादव ने मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। प्राची ने बताया कि मोदी जी ने मुझसे पूछा, “प्राची, कुछ कर भी रही हो?” तो मैंने जवाब दिया, “हां सर, मैडल आया है।” भास्कर: आपको किस बात की सबसे ज्यादा खुशी हुई? प्राची: मुझे बहुत खुशी हुई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हमारे भोपाल शहर में आए और मुझे उनका स्वागत करने का सौभाग्य मिला। भास्कर: आप महिलाओं की वर्तमान स्थिति को कैसे देखती हैं? प्राची: आज महिलाएं खुलकर खेल, सेना और हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। यह देखकर मुझे बहुत खुशी होती है। भास्कर: क्या आपको लगता है कि इसमें मोदी जी की कोई भूमिका है? प्राची: हां, मोदी जी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। पैरा ओलिंपिक में भी अब महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो उनके प्रोत्साहन का नतीजा है। भास्कर: आपको खुद को इस मुकाम तक पहुंचाने में क्या प्रेरणा मिली? प्राची: कभी हार न मानने वाले जुनून ने ही मुझे यहां तक पहुंचाया है। यह खबर भी पढ़ें भोपाल में PM मोदी की पाकिस्तान को फिर चुनौती:कहा- आतंकियों के मददगारों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को चुनौती दी है। भोपाल मे उन्होंने कहा कि गोली का जवाब गोले से मिलेगा। सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है। मोदी ने कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी। यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई। पीएम ने भोपाल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में कुल 39 मिनट 38 सेकेंड का भाषण दिया। पढ़ें पूरी खबर

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