मुंबई के आकाशवाणी विधायक गेस्ट हाउस की कैंटीन में खराब खाने पर फूड डिपार्टमेंट ने लाइसेंस रद्द कर दिया। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अधिकारियों ने कैंटीन से पनीर, चटनी, तेल और दाल के सैंपल लिए हैं। अधिकारी ने बताया कि, इन्हें लैब भेजा जाएगा और रिपोर्ट 14 दिनों में आएगी। तब तक के लिए कैंटीन का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है। फूड विभाग की तरफ से यह कार्रवाई शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ की शिकायत पर की गई है। दरअसल 8 जुलाई को संजय गायकवाड़ खराब दाल परोसे जाने से नाराज हो गए थे। गायकवाड़ कैंटीन में आए और स्टाफ की पिटाई कर दी। इसका वीडियो 9 जुलाई को सामने आया। हालांकि मामले को लेकर विधायक ने कहा- मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। 4 फोटो से पूरा मामला समझिए… CM फडणवीस बोले- विधायकों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई
महाराष्ट्र विधान परिषद में बुधवार को शिवसेना (UBT) विधायक अनिल परब ने संजय गायकवाड़ के वीडियो का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार पर राजनीतिक मनमानी का आरोप लगाया। इस पर CM फडणवीस ने सदन में कहा, ‘इस तरह का आचरण सही संदेश नहीं देता। ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है और किसी के लिए भी सम्मानजनक नहीं है। एक विधायक के रूप में गायकवाड़ के कृत्य ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा धूमिल की है।’ CM ने कहा, ‘आपसे (विधान परिषद अध्यक्ष राम शिंदे) आग्रह करता हूं कि मुद्दे की जांच करें। समस्या है तो कार्रवाई की जा सकती है। जनप्रतिनिधियों के मारपीट करने से लोगों के बीच गलत संदेश जाता है। आप (विधान परिषद अध्यक्ष) और स्पीकर (राहुल नार्वेकर) इसका संज्ञान लें और कार्रवाई करें।’ अब पढ़िए, मामले पर विधायक ने क्या कहा…
विधायक गायकवाड़ ने बुधवार को कहा- कल रात करीब साढ़े 9 बजे मैंने खाने का ऑर्डर दिया। दाल-चावल का एक निवाला मुंह में डाला तो बहुत गंदा लगा। दूसरा निवाला खाया तो उल्टी हो गई। मैंने खाना सूंघकर देखा तो वह सड़ा हुआ था। उसमें से बदबू आ रही थी। मैंने पहले भी कैंटीनवालों से कहा था कि ताजा खाना दिया करो। 15 दिन का चिकन, 20 दिन का मटन, 10 दिन के अंडे, चार-चार दिन पुरानी सब्जी देते हैं। इतना समझाने के बाद भी उन लोगों ने ऐसा किया। मैं खाना लेकर नीचे गया मैनेजर को बुलाया। पूछा- खाना आपके यहां का है। उसने कहा- हां, मैंने सूंघने को कहा तो बोला- बदबू आ रही है। अन्य कर्मचारियों और कस्टमर्स से सूंघने को कहा। सभी ने कहा- खाने लायक नहीं है। जब आप हिंदी, मराठी, अंग्रेजी में नहीं समझते हो तो शिवसेना स्टाइल रहता है। चार साल में कई बार शिकायत की। समिति के चेयरमैन और एमडी को भी शिकायत की। जब आदमी सुधरता नहीं है तो यही हमारी स्टाइल है। विधायक बोले- हिंदी या मराठी देखकर पिटाई नहीं की
विधायक ने कहा- वहां घटिया क्वालिटी का खाना परोसा जा रहा था। पूरे राज्य के कर्मचारी, अधिकारी, सभी लोग वहां आते हैं, खाना खाते हैं। वह सरकारी कैंटीन है, वहां खाने की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा- मैं जनप्रतिनिधि हूं। जब कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता, तो मुझे इसी भाषा में समझाना पड़ता है। ये लोग दोबारा ऐसा करेंगे तो फिर पीटूंगा। मैंने यह देखकर उसकी पिटाई नहीं की कि वह मराठी है या हिंदी। गायकवाड़ का विवादों से पुराना नाता… 1. राहुल गांधी की जबान काटने पर ₹11 लाख का इनाम
पिछले साल विधायक गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा करके विवाद खड़ा कर दिया था। सितंबर, 2024 में राहुल ने आरक्षण पर टिप्पणी की थी। अमेरिका यात्रा के दौरान एक यूनिवर्सिटी में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है इस पर गायकवाड़ ने कहा था- राहुल आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। इससे कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया। जो कोई भी राहुल गांधी की जीभ काट कर लाएगा, मैं उसे 11 लाख रुपए का इनाम दूंगा। 2. बाघ के शिकार का दावा
फरवरी, 2024 में गायकवाड़ ने दावा किया था कि 1987 में एक बाघ का शिकार किया था और उसका दांत अपने गले में पहनते हैं। इसके बाद गायकवाड़ पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। 3. पुलिसकर्मी गाड़ी धोता दिखा
पिछले साल ही वायरल एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी विधायक की गाड़ी धोता दिखाई दे रहा था। इसको लेकर भी खूब गहमा-गहमी हुई थी। बाद में गायकवाड़ ने कहा था कि पुलिसकर्मी ने गाड़ी के अंदर उल्टी करने के बाद अपनी मर्जी से गाड़ी साफ की थी। ————————————————— महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… MNS कार्यकर्ताओं ने ठाणे में गुजराती दुकानदार को पीटा, दुकानदार ने पूछा था- मराठी जरूरी क्यों महाराष्ट्र के ठाणे में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने एक गुजराती दुकानदार की पिटाई कर दी। दुकानदार ने उनसे सिर्फ इतना पूछा था कि मराठी बोलना जरूरी क्यों है। इसके जवाब में कार्यकर्ता उससे कहते हैं कि ये महाराष्ट्र है, इसलिए यहां मराठी बोलना ही होगा। पूरी खबर पढ़ें…
