सुकमा के IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP आकाश राव गिरिपुंजे ने मौत से पहले पत्नी स्नेहा से बात की थी। पत्नी स्नेहा को फोन करके उन्होंने कहा था कि विभाग के एक साहू नाम के कर्मचारी से मुलाकात करके बीमा की रकम ले लेना। जब वह पत्नी को यह सब बता रहे थे, उनके दोनों पैर ब्लास्ट में उड़ चुके थे। शरीर से खून बह रहा था, और आगे क्या करना है, वह पत्नी को बता रहे थे। सरकारी नौकरी में तैयारी के दिनों से आकाश राव गिरिपुंजे के दोस्त डिप्टी कलेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने यह बात बताई। रायपुर के महादेव घाट में मंगलवार को शहीद आकाश राव का अंतिम संस्कार किया गया। यहीं आयोजित श्रद्धांजलि सभा में डिप्टी कलेक्टर अग्रवाल ने अपने दोस्त की आखिरी क्षणों की बातें साझा की। ड्यूटी के दौरान कैसे थे आकाश राव यह भी उनके दोस्त ने बताया पढ़िए उन्हीं के शब्दों में:- उसे कभी परेशान या डरा हुआ नहीं देखा अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि- हम दोनों ने शुरुआती करियर में बैंक की नौकरी की। आज तक मैंने कभी उसे परेशान या डरा हुआ नहीं देखा। उसकी जब भी जहां भी पोस्टिंग हुई वह उतना ही खुश मिजाज रहता था और हमेशा खुश रहता था। बैंक की नौकरी के बाद हमें यहां तैयारी करने आना था मैं 15 दिन पहले छुट्टी ले लिया था। उसने कहा था कि बैंक में अभी ऑडिट करना है, ऑडिट के बाद में आऊंगा। उस 15 दिन में मैं डिप्टी कलेक्टर बना और वह DSP बना। मरेंगे तो राजकीय सम्मान मिलेगा डिप्टी कलेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने कहा- वह अपनी हर पोस्टिंग के बाद मुझे वहां का किस्सा सुनाता था। मानपुर-मोहला में नक्सल अभियान में ही उसे गैलेंट्री अवॉर्ड मिला था। गैलेंट्री अवॉर्ड में वह इतना खुश हुआ था और इतनी खुशी के साथ बता रहा था…मैं उस समय नया था मैंने पूछा गैलेंट्री अवॉर्ड में क्या होता है ? उसने कहा अबे जब मरेंगे तो राजकीय सम्मान मिलेगा। आज जब उसकी अंतिम यात्रा में था तो वही बात याद आई कि उसने बताया था कि राजकीय सम्मान क्या होता है। पत्नी को किया गया वह आखिरी कॉल डिप्टी कलेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने बताया- वह हमें छोड़कर चला गया और जाते समय उसके जो आखिरी शब्द थे, जो उसके साथ रहे जवान ने मुझे बताया, उसने घर में भाभी से बात की और एक ही बात की कि बीमा के लिए साहू से मिल लेना। वह घटना से एक रात पहले भी पार्टी किया है, कभी उसको यह नहीं लगा कि मैं मर जाऊंगा तो क्या होगा, एक बार मैंने उसे पूछ ही लिया कि तू निपट ही गया तो भाभी के लिए क्या प्लानिंग है .. उसकी प्लानिंग में 10-20 हजार तक की व्यवस्था नहीं थी। मैंने कहा यह कोई प्लानिंग नहीं है। उसने कहा की व्यवस्था हो जाएगी। जब बम पर पैर पड़ा, उसके साथ जो जवान अमर था, उसने बताया कि मेरी गाड़ी से उतरे TI और एएसपी पीछे बैठे थे। एएसपी और टीआई सबसे आगे गए, जवान पीछे था। शायद जो भय मुक्त होता है, वही साहसी होता होता है और वही दुस्साहसी भी होता है, वह गया जरूर…लेकिन ऐसा गया है कि अमर हो गया। नक्सलियों को सुनाता था गोलियों की आवाज शहीद के दोस्त अभिषेक कहने लगे- जब वह सुकमा गया था, डेढ़ साल पहले, वहां के किस्से फोन में बताता था, कहता था आज यह कैंप खोला हूं, अगले दिन वह कैंप खोला हूं, यह किया हूं वो किया हूं। मुझे पांच कैंप का टारगेट है। वो बता रहा था कि कैंप 10 से 12 दिन में खुलता है, मैं जो अब खोलने लगा हूं, ढाई से तीन दिन में कैंप खोल देता हूं। जब कैंप खोलना था वह पार्टी करता था। एक बार कैंप खोलने के बाद वह मुझे फायरिंग करके सुना रहा था, वह ऐसा हर बार करता था। मैंने कहा कि गोलियां क्यों बर्बाद कर रहा है, उसने कहा नक्सलियों को सुना रहा हूं कि मैं यहां आ गया हूं और हमारे पास भी हथियार है। अभी कुछ दिन पहले उसने जिम जाना शुरू किया था। मैंने कहा कि खाना कमकर क्यों जिम जाता है। उसने कहा गश्त तक तो चले जाता हूं। लेकिन कभी कोई नक्सली सामने हो गए और उनको दौड़ा नहीं पाऊंगा। इतना वजन नहीं है। 15 से 20 किलोमीटर की गश्त करता था। वहां जाकर पार्टी करता था। मैंने कहा- एडिशनल एसपी गश्त पर नहीं जाते डिप्टी कलेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने शहीद आकाश से कहा था कि- तुम गश्त पर जाते हो कोई भी एडिशनल एसपी खुद गश्त पर नहीं जाता। मैं भी बस्तर में पोस्टेड रहा हूं, टीआई जाते हैं, DRG वाले जाते हैं। तो उसने कहा कि मैं नहीं जाऊंगा तो जवान क्यों जाएंगे और खाली जवान का परिवार है क्या? जिस दिन मरेंगे सारे मरेंगे और नहीं तो कोई नहीं मरेगा। मैं जाऊंगा तभी जवान मोटिवेट रहेंगे और मेरे साथ जाएंगे। ट्रांसफर लेने से इनकार किया शहीद दोस्त को लेकर अभिषेक ने कहा- उसके मन में कभी भय नहीं था कि मैं मर जाऊंगा या मेरे साथ ऐसा हो जाएगा। लेकिन जितना रिस्क लेता था, मैं एक बार जरूर उसको बोल दिया जैसा तू रिस्क ले रहा है किसी दिन निपट जाएगा…तू अगर निपट गया तो तेरे पीछे घर में कौन है? क्योंकि मैं उसके घर में जानता हूं कि दो छोटे बच्चों (7 साल का बेटा सिद्धांत और 6 साल की बेटी नव्या) के साथ भाभी है, भाई भी तैयारी कर रहा है और घर में और कोई नहीं है जो घर को संभाल सके। तो वो हंसने लगा और उसने कहा कि अबे तू तो है ना… देख लेना और बाकी बीमा तो हमारा हो चुका है। अभिषेक अग्रवाल ने आगे कहा, रायपुर से विभाग के अधिकारी तारकेश्वर सर है, उनका ट्रांसफर हो रहा था। मैंने बोला कि यहां पर वैकेंसी खाली है। तारकेश्वर सर का रिलीवर खोज रहे हैं, तू आएगा क्या? मैंने तारकेश्वर सर से बात की, मगर उसने तारकेश्वर सर से बात नहीं की, रायपुर ट्रांसफर नहीं लिया और बोला अभी 1 साल और रहूंगा नक्सलवाद खत्म करके लौटूंगा। बहादुर की बात सुन गृहमंत्री भी रह गए हैरान शहीद आकाश राव गिरिपुंजे के डिप्टी कलेक्टर दोस्त अभिषेक अग्रवाल जब यह सब बता रहे थे, श्रद्धांजलि सभा में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे। बहादुरी की यह बातें सुनकर वह हैरान नजर आए। इसके बाद उन्होंने कहा- नक्सल ऑपरेशन के चीफ विवेकानंद जी बता रहे थे की कितनी मुस्तैदी और सटीकता के साथ वह काम करने वाले अधिकारी थे। कोई अद्भुत व्यक्तित्व ही हो सकता है कि दोनों पैर उड़ गए हो और कोई अंतिम शब्द के रूप में यह कहता है बीमे के संबंध में बात कर रहा हो, उनको सब कुछ स्पष्ट था कि क्या होने वाला है। इसलिए वह यह सूचना पहुंचा रहे थे। ट्रांसफर की स्थिति थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया कि मैं यहां लाल आतंक को 1 साल का जो समय रखकर चल रहे हैं इसे समाप्त करके ही लौटूंगा। ऐसे अद्भुत वीर बलिदानी का बलिदान जवानों के हृदय में जोश बनकर उमड़ेगा। ऐसे बलिदानी का बलिदान व्यर्थ तो होगा ही नहीं, जो उनका संकल्प था, हम सब का भी संकल्प है, उसे हम पूरा करेंगे। पत्नी को नौकरी दे सकती है सरकार शहीद एडिशनल एसपी आकाश राव की पत्नी स्नेहा को सरकार नौकरी दे सकती है। अनुकंपा नियुक्ति को लेकर विभाग में चर्चा शुरू हो चुकी है। खबर यह भी है कि कैबिनेट बैठक में जल्द ही इसे लेकर राज्य शासन की ओर से फैसला लिया जा सकता है। इससे पहले ऐसे ही नक्सल हमले में शहीद हुए कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे को कांग्रेस की सरकार ने डिप्टी कलेक्टर बनाया था। डॉ रमन सिंह सरकार के समय इसी तरह नक्सली हमले में शहीद हुए एसपी वीरेंद्र चौबे के बेटे सौमिल चौबे को भी राज्य प्रशासनिक सेवा का अफसर बनाया गया था। …………………………….. शहीद ASP आकाश राव से जुड़ी ये खबर पढ़ें… शहीद ASP का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि:पत्नी ने रोते हुए सैल्यूट किया, नक्सल ऑपरेशन चीफ बोले- बलिदान बेकार नहीं जाएगा सुकमा नक्सल IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP आकाश राव का अंतिम संस्कार किया गया। रायपुर के महादेवघाट मुक्तिधाम में बेटे ने मुखाग्नि दी। परिजन, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान वहां मौजूद नक्सल ऑपरेशन के चीफ IPS विवेकानंद ने कहा कि आकाश का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। पढ़ें पूरी खबर
