छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स पर कार्रवाई के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सरकार पर ही सवाल उठाए हैं। सांसद बृजमोहन अग्रवाल के भाई योगेश अग्रवाल ने कहा कि, बीजेपी सरकार, संघ के कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है। हम खुद शुरू से बीजेपी के साथ रहे, लेकिन सरकार हम पर ही दबाव बना रही है। कार्रवाई कर भय पैदा कर रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में सरकार और राइस मिलर्स के बीच विवाद जारी है। मिलर्स ने मांग पूरी नहीं होने पर 20 दिसंबर तक असहयोग आंदोलन चलाने की बात कही है। मिलर्स धान खरीदी केंद्रों से सूखा धान नहीं उठा रहे हैं। मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दैनिक भास्कर से कहा- विभाग की ओर से पैसा नहीं देने से मिलर्स की आर्थिक स्थिति खराब हाे रही है। मिलर्स को बैंक लोन नहीं दे रहा, बाजार से ब्याज में भी पैसा नहीं मिल रहा है। मिल का बिजली बिल जमा नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति में काम कैसे होगा। सरकार पैसा जारी कर दे, तो काम करने में आसानी होगी। पैसों के अभाव में मिलर्स की तबीयत खराब हो रही है, कुछ मिलर्स ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए है। केंद्रों में जगह नहीं, खरीदी होगी प्रभावित मिलर्स की ओर से, धान खरीदी केंद्रों से सूखा धान उठाने का असर क्या पड़ रहा है? इस बात का पता लगाने के लिए दैनिक भास्कर की टीम भाठगांव स्थित ग्रामीण सेवा सहकारी समिति धान खरीदी केंद्र पहुंची। धान खरीदी केंद्रों के डीएन इंदौरिया ने बताया, कि सूखा धान नहीं उठने से केंद्र में धान रखने की जगह बहुत कम बची है। यदि मिलर्स धान का परिवहन नहीं करेंगे, तो आने वाले एक दो दिन में खरीदी बंद करना पड़ेगा। पांच चरण की मीटिंग के बाद भी विवाद जारी मिलर्स और सरकार के बीच 5 चरण की बैठक हो चुकी है। मार्कफेड के डायरेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया, कि मिलर्स की मांग की जानकारी राज्य शासन को दे दी गई थी। अभी मिलर्स और सरकार के बीच बातचीत चल रही है। विभागीय अधिकारी शासन का निर्णय आने पर उसका पालन करने की बात कह रहे हैं। हालांकि अधिकारी ये भी स्वीकार्य कर रहे हैं, कि मिलर्स की हड़ताल से धान खरीदी प्रभावित हो रही है। पूर्व CM बोले, डबल इंजन की सरकार कर रही साजिश मिलर्स और सरकार के विवाद पर कांग्रेस ने इसे बीजेपी सरकार की हठधर्मिता बताया। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में लिखा कि “डबल इंजन” का धान न ख़रीदने का षड्यंत्र है। मिलर्स को उकसाकर भाजपा सरकार धान न ख़रीदने की साजिश में सफल हो रही है। धान खरीदी से जुड़े कुछ और आंकड़े (15 दिसंबर तक)