छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने आज (रविवार) को कोरबा, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार में भारी बारिश का अनुमान जताया है। इन 5 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। इसके अलावा रायपुर, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, बेमेतरा, बालोद सहित 17 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का यलो अलर्ट है। खासकर उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ के हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। रायपुर में देर रात से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है। गरियाबंद जिले के राजिम-फिंगेश्वर क्षेत्र में भी झमाझम बारिश हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया है। लगातार बारिश से कई जगह जलभराव गरियाबंद जिले में नालों में तेज बहाव देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग के अनुसार, गरियाबंद में पिछले 15 दिनों में 200 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। शनिवार को 10 से ज्यादा जिलों में के करीब 90 जगहों पर 10 MM या इससे ज्यादा बारिश हुई। औसत बारिश 25.73 मिमी दर्ज किया गया। इस बीच कोरबा में 20 साल पुराना पुल और सड़क तेज बारिश में बह गया। नदी-नाले उफान पर, कई गांव से संपर्क कटा गेरांव के बांस झर्रा में पुल बहने से बड़मार क्षेत्र का संपर्क कई गांव से कट गया है। मार्ग पर आना जाना बंद हो गया है। इलाके में लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। छत्तीसगढ़ में बारिश की बात करें तो 1 जून से अब तक 243.4 मिमी औसत बारिश रिकार्ड की गई है। बीजापुर जिले में सबसे ज्यादा 382 मिमी बारिश और बेमेतरा जिले में सबसे कम 81.5 मिमी सबसे कम पानी गिरा है। आने वाले समय में मूसलाधार बारिश की उम्मीद है। बारिश से जुड़ी ये तस्वीरें देखिए… शुक्रवार को सबसे ज्यादा 53.6 मिमी बरसा पानी इससे पहले छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को अलग-अलग जिलों के 122 से ज्यादा स्थानों पर पानी बरसा है। 53.6 मिमी औसत बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया है। जो जून-जुलाई मिलाकर एक दिन में सबसे ज्यादा है। इस बीच महासमुंद जिले के सरायपाली में स्थित रक्सा गांव में स्टॉप डैम के पास अचानक मिट्टी धंसने से वहां खड़ा शख्स लापता हो गया था। NDRF की टीम ने 48 घंटे बाद शोभराम का शव बरामद कर लिया है। शनिवार सुबह लाश घटनास्थल से 3 किमी दूर पानी में तैरता मिला है। वहीं कोरबा में बहे युवक की लाश 40 घंटे बाद मिल गई है। उदय सिंह रेलवे ट्रैक पुलिया के नीचे काम कर रहा था। इसी दौरान तेज बहाव में बह गया था। गौरेला-पेंड्रा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश वहीं गौरेला-पेंड्रा मरवाही क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हुई है। बारिश से कई एनीकट बह गए हैं। वहीं बिलासपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण को भारी नुकसान पहुंचा है। यह हाईवे अभी आधा भी पूरा नहीं हुआ था कि कारिआम और जोगीसार के बीच निर्माणाधीन पुलिया के लिए बना बाईपास पानी में टूटकर दो हिस्सों में बंट गया। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने यातायात को पेंड्रा और खोडरी के वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट कर दिया है, ताकि बिलासपुर, शहडोल, अनूपपुर और जबलपुर की ओर जाने वाले वाहन आ जा सकें।कोटमी खुर्द क्षेत्र में कालेवा नाले के तेज बहाव से सड़क ध्वस्त हो गई है। जोगीसार में पुलिया की मरम्मत तेजी से की जा रही है, जबकि अगला काम बेलपत की क्षतिग्रस्त पुलिया की मरम्मत का होगा। एसडीएम ऋचा चंद्राकर ने क्षतिग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया। ठेकेदारों और इंजीनियरों को मरम्मत के निर्देश दिए। बारिश की और तस्वीरें देखिए लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है। जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ
