बांग्लादेश ने अपने सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान आर्मी की टीम को बुलाया है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में करारी हार के 53 साल बाद एक बार फिर पाकिस्तानी आर्मी बांग्लादेश की जमीन पर कदम रखेगी। पाक आर्मी के एक मेजर जनरल रैंक के अफसर के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बांग्लादेशी आर्मी को ट्रेनिंग देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये ट्रेनिंग अगले साल फरवरी में शुरू होगी। पहले चरण की ट्रेनिंग मेमनशाही कैंट में आर्मी ट्रेनिंग एंड डॉिक्ट्रन कमांड (एटीडीसी) मुख्यालय में होगी। ट्रेनिंग का ये पहला चरण एक साल तक चलेगा। इसके बाद PAK आर्मी बांग्लादेश आर्मी की सभी 10 कमांड में भी ट्रेनिंग देगी। ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तानी आर्मी के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने नवंबर में बांग्लादेश को ट्रेनिंग का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को बांग्लादेश आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद जनरल वकार ने पाक आर्मी को ट्रेनिंग के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया है। पाक से गोला बारूद मंगाया, युद्धाभ्यास में शामिल होगा बांग्लादेश ने पाकिस्तान से गोला- बारूद की दो खेप मंगाई हैं। सितंबर से दिसंबर के बीच बांग्लादेश ने 40 हजार राउंड एम्युनिशन मंगवाए हैं। ये पिछले साल की तुलना में तीन गुना हैं। पिछले साल ये 12 हजार राउंड थे। इसके अलावा 2 हजार राउंड टैंक एम्युनिशन और 40 टन आरडीएक्स भी मंगवाया है। बांग्लादेश की नौसेना अगले साल फरवरी में पाकिस्तान के साथ कराची पोर्ट पर नौसेनिक युद्धाभ्यास करेगी। इस संयुक्त युद्धाभ्यास को अमन-2025 नाम दिया गया है। पाकिस्तान हर 2 साल बाद इस युद्धाभ्यास का आयोजन करता है। बांग्लादेश 15 साल बाद इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहा है। शेख हसीना के पूरे कार्यकाल में बांग्लादेश ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। 2022 में शेख हसीना ने पाकिस्तान के युद्धपोत तैमूर को चटगांव में रुकने की परमिशन तक नहीं दी थी। इसके चलते तैमूर को म्यांमार के क्यायुकफु पोर्ट पर लंगर डालकर फ्यूल लेना पड़ा था। पाकिस्तान-बांग्लादेश के साथ आने से भारत पर असर डिफेंस एक्सपर्ट, वेस्ट एशिया पॉलिसी सेंटर के डिफेंस एक्सपर्ट कमर आगा के मुताबिक बांग्लादेश और पाकिस्तान की बढ़ती करीबी से भारत के 80 किमी चौड़े सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) पर खतरा बढ़ सकता है। ये कॉरिडोर भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। बांग्लादेश में पाक की एंट्री के बाद पूर्वोत्तर के कट्टरपंथी ग्रुप के और हावी होने की आशंका है। दूसरी तरफ बांग्लादेश की जियोपॉलिटिकल लोकेशन काफी अहम है। चिकन नेक कॉरिडोर के पास भूटान का डोकलाम भी है। इस पर चीन कब्जा चाहता है। बांग्लादेश में यूनुस सरकार और अब पाक सेना की एंट्री के बाद चीन के लिए अनुकूल हालात हैं। कमर आगा ने बताया कि, बांग्लादेश में हमेशा से पाक परस्त ताकतें हावी रही हैं। फर्क इतना है कि शेख हसीना के 15 साल के शासन में इन पर लगाम रही, पर बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार ने पाकिस्तान की आर्मी और अन्य ताकतों के साथ हसीना के खिलाफ साजिश रची। 5 अगस्त को वहां जनक्रांति नहीं, सेना ने एक बड़े प्लान से तख्तापलट कराया था। अमेरिका ने हिंदुओं पर हमलों को लेकर ढाका को चेताया बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर अमेरिका की बाइडेन सरकार ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार चेताया है। सोमवार देर रात अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने यूनुस से फोन पर बात की। इसमें बांग्लादेश में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति व लोकतंत्र पर चिंता जताई। सुलिवन ने कहा कि हर नागरिक के मानवाधिकारों की रक्षा करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके लिए ठोस कदम उठाएं। इस पर यूनुस ने भी अमेरिका को मानवाधिकारों की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का आश्वासन दिया। ——————————————— बांग्लादेश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश की भारत से मांग- शेख हसीना को वापस भेजें:पूर्व पीएम के खिलाफ अपहरण-देशद्रोह समेत 225 केस; तख्तापलट के बाद भारत में पनाह ली बांग्लादेश ने सोमवार को भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने इसकी पुष्टि की है। पूरी खबर यहां पढ़ें…