छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने तीन जिलों सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी में गरज-चमक के साथ भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा गौरेला-पेंड्रा-मारवाही, कोरिया, सरगुजा, जशपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज में बारिश का यलो अलर्ट है। वहीं रायपुर-दुर्ग समेत अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पूरे छत्तीसगढ़ को मानसून ने कवर कर लिया है। गुरुवार को 14 जिलों के 56 से अधिक जगहों पर न्यूनतम 10MM बारिश रिकॉर्ड की गई। पूरे प्रदेश में औसतन 28 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं कुसमी में सबसे ज्यादा 200 मिमी पानी बरसा है। इस साल के लिहाज से मानसून के प्रदेश में आने के बाद एक दिन में ये सबसे ज्यादा बारिश है। बारिश की वजह से दिन के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट आई है। इस इमेज से समझिए मानसून की रफ्तार पिछले छह दिनों 22.69 मिमी औसत बारिश राज्य में पिछले छह दिनों में 22.69 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है। मंगलवार को 25 दिनों से बस्तर में अटका मानसून रायपुर से होते हुए सरगुजा पहुंचा था। इसके बाद से ही प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में बारिश का दौर जारी है। बारिश की तस्वीरें देखिए 16 दिन पहले आ गया था मानसून इससे पहले छत्तीसगढ़ में नौतपे के बीच मानसून की एंट्री हो गई थी। प्रदेश में मानसून के पहुंचने की नॉर्मल डेट 13 जून है। लेकिन इस बार 16 दिन पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। वहीं 64 साल के इतिहास में ये पहली बार है, जब मानसून मई माह में छत्तीसगढ़ पहुंचा था। इससे पहले साल 1971 में 1 जून को मानसून पहुंचा था जून में अब तक सामान्य से कम बारिश ओवर ऑल जून महीने की बात करें तो प्रदेश में अब तक कुल 41.0 मिमी औसत वर्षा हुई है, जबकि सामान्य औसत 81.0 मिमी होती है। यानी लगभग आधी बारिश ही अब तक हुई है। बलरामपुर इकलौता जिला है जहां नॉर्मल से बहुत अधिक बारिश हुई है। वहीं दंतेवाड़ा ऐसा जिला है जहां सामान्य बारिश हुई है। 26 जिलों में वर्षा सामान्य से कम रही है। इनमें से 17 जिलों में कम और 9 जिलों में कम बारिश दर्ज की गई। हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरुआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था। पिछले साल के मुकाबले तापमान कम हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था। पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था। प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।
