न्यूयॉर्क मेयर उम्मीदवार ममदानी के हाथ से खाने पर विवाद:अमेरिकी सांसद बोले- हमारे तौर-तरीके नहीं अपना सकते तो अपने पिछड़े देश चले जाओ

भारतीय मूल के न्यूयॉर्क से मेयर पद के उम्मीदवार जोहरान ममदानी का हाथ से चावल-दाल खाते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर अमेरिकी रिपब्लिकन सांसद ब्रैंडन गिल ने टिप्पणी की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “अमेरिका में सभ्य लोग इस तरह से खाना नहीं खाते हैं। अगर आप वेस्टर्न कल्चर नहीं अपना सकते, तो थर्ड वर्ल्ड में वापस चले जाइए।” ममदानी वीडियो में फिलिस्तीनी मुद्दे पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा- जब आप किसी थर्ड वर्ल्ड में पले-बढ़े होते है तो आप फिलिस्तीनी संघर्ष को बेहतर तरीके से समझते हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने ब्रैंडन गिल को ट्रोल किया जोहरान ममदानी के वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने सांसद ब्रैंडन गिल के टिप्पणी पर लोगों ने कड़ा विरोध जताया और उन्हें ट्रोल किया। एक यूजर ने कहा, “क्या आप एशियाई रेस्तरांं में चॉपस्टिक से खाने पर भी नाराज होते हैं?” एक अन्य ने कहा, “टैको, फ्रेंच फ्राइज और बर्गर आप कैसे खाते हैं? क्या चिप्स भी कांटे से खाते हैं?” तीसरे यूजर ने लिखा, “आप उनकी नीतियों की आलोचना नहीं कर सकते, इसलिए उनकी संस्कृति पर निजी हमले कर रहे हैं।” ममदानी पर कैमरे के सामने दिखावे का आरोप इसके अलावा कुछ लोगों ने ममदानी पर अपनी सांस्कृतिक पहचान को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का भी आरोप लगाया। एक यूजर ने ममदानी की पुरानी तस्वीर शेयर की, जिसमें वे चाकू और कांटे से खाना खा रहे थे। यूजर ने लिखा, “जोहरान हमेशा चाकू-कांटे से खाते हैं, लेकिन कैमरे के सामने हाथ से खाकर ऐसा दिखाते हैं जैसे वे बाहरी हैं।” ममदानी बोले थे- अरबपति असमानता बढ़ाते हैं इससे पहले रविवार को ममदानी अपने एक बयान के कारण विवादों से घिर गए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था- अरबपति असमानता बढ़ाते हैं, दुनियां में किसी को अरबपति नहीं होने देना चाहिए। एनबीसी न्यूज के ‘मीट द प्रेस’ शो में ममदानी ने कहा, “हमारे पास अरबपति नहीं होने चाहिए। इतनी असमानता के समय में इतना पैसा ठीक नहीं है। हमें शहर, राज्य और देश में समानता चाहिए।” ममदानी ने बताया कि वे न्यूयॉर्क के सबसे अमीर लोगों और बड़ी कंपनियों पर टैक्स बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं सबसे अमीर लोगों पर 1% टैक्स बढ़ाना चाहता हूं ताकि सभी की जिंदगी बेहतर हो, जिसमें टैक्स देने वाले भी शामिल हैं।” वहीं, ममदानी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कम्युनिस्ट कहा था, जिसका ममदानी ने खंडन किया। उन्होंने कहा, “मैं कम्युनिस्ट नहीं हूं। ट्रम्प मेरे लुक्स, आवाज और पहचान पर बात करते हैं ताकि मेरे काम से ध्यान हटाएं। मैं उन मेहनतकश लोगों के लिए लड़ रहा हूं जिन्हें ट्रम्प ने धोखा दिया।” ट्रम्प समर्थकों ने ममदानी को न्यूयॉर्क के लिए खतरा बताया था ममदानी ने न्यूयॉर्क टाउन के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल की है। 24 जून को इसके नतीजे आए थे। पहली बार दक्षिण एशियाई, भारतवंशी और मुस्लिम मूल के ममदानी ने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को हराया था। ममदानी के जीत के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दक्षिणपंथी पार्टी के रिपब्लिकन नेताओं और ट्रम्प प्रशासन के पूर्व अधिकारियों ने उन पर तीखे हमले शुरू कर दिए थे। इन हमलों में ममदानी को आतंकवाद समर्थक और न्यूयॉर्क शहर के लिए खतरा बताया गया था। ट्रम्प प्रशासन के पूर्व सलाहकार स्टीफन मिलर ने ममदानी की जीत को ‘अमेरिकी माइग्रेशन नीति की विफलता’ बताया था। टेनेसी से रिपब्लिकन प्रतिनिधि एंडी ओग्ल्स ने ममदानी पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाया और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से उनकी नागरिकता रद्द करने की मांग कर डाली थी। फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे हैं जोहरान जोहरान ममदानी भारतीय-अमेरिकी फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे हैं। ​​​​​​मीरा नायर ने सलाम बॉम्बे, मॉन्सून वेडिंग और द नेमसेक जैसी फिल्में बनाई हैं। जोहरान के पिता महमूद कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और प्रसिद्ध भारतीय-युगांडाई विद्वान हैं। ममदानी का जन्म युगांडा में हुआ, लेकिन अमेरिका में पले-बढ़े हैं। जोहरान की मां मीरा नायर भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक और हिंदू वंशज की हैं। उनके पिता महमूद ममदानी भारतीय मूल के युगांडा नागरिक और मुस्लिम हैं। इस साल की शुरुआत में जोहरान ने 27 साल की सीरियाई आर्टिस्ट रामा दुवाजी से शादी की। रामा एक इलस्ट्रेटर और एनिमेटर हैं। उनका काम द न्यू यॉर्कर, द वॉशिंगटन पोस्ट और वाइस जैसे बड़े पब्लिकेशन में छप चुका है। 2018 में अमेरिकी नागरिकता मिली जब ममदानी पांच साल के थे, तब उनका परिवार दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन चला गया। जब ममदानी 7 साल के थे, तब परिवार न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गया। जोहरान ने 2014 में मेन के बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज में स्नातक की ली थी। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2018 में जोहरान को अमेरिका की नागरिकता मिल गई। उन्होंने क्वींस और ब्रुकलिन में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के लिए काम करके राजनीति सीखी।

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