दुर्ग पहुंचा मानसून, 8 जिले में ऑरेंज,10 में यलो अलर्ट:रायपुर-राजनांदगांव में अंधड़ चलेगी, बिजली गिरेगी, कोरबा-रायगढ़, मुंगेली जिले भीगेंगे, 5 डिग्री लुढ़का पारा

छत्तीसगढ़ में पिछले 25 दिनों से बस्तर में अटका मानसून अब दुर्ग तक पहुंच गया है। अगले 24 घंटे में मानसून के रायपुर पहुंचने की उम्मीद है। रायपुर में सुबह से बादल छाए हुए हैं। इस बीच मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें गौरेला-पेंड्रा-मारवाही, कोरबा, रायगढ़, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ शामिल है। वहीं रायपुर-दुर्ग समेत 10 जिलों में अंधड़ और बिजली गिरने का यलो अलर्ट है। अन्य जिलों में सिर्फ बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के चलते प्रदेश के औसत तापमान में भी 4-5 डिग्री की गिरावट आई है। प्रदेश में सोमवार को 36.2 डिग्री सेल्सियस के दुर्ग सबसे गर्म रहा, जबकि 21 डिग्री के साथ राजनांदगांव सबसे ठंडा रहा। दुर्ग में 60 मिलीमीटर बरसा पानी प्रदेश में पिछले 24 घंटों में प्रदेश के 25 जिलों में बारिश हुई है। सबसे ज्यादा 60 मिमी बारिश दुर्ग में रिकॉर्ड की गई है। 16 दिन पहले आ गया था मानसून इससे पहले छत्तीसगढ़ में नौतपे के बीच मानसून की एंट्री हो गई थी। प्रदेश में मानसून के पहुंचने की नॉर्मल डेट 13 जून है। लेकिन इस बार 16 दिन पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी थी। वहीं 64 साल के इतिहास में ये पहली बार है, जब मानसून मई माह में छत्तीसगढ़ पहुंचा था। इससे पहले साल 1971 में 1 जून को मानसून पहुंचा था जून में अब तक सामान्य से कम बारिश अब तक की बात करें तो जून में 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है। सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी है, जो सामान्य से कम मानी जाती है। इस समय मानसून की स्थिति कमजोर है और स्थिति यही रही, तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है। हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरुआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। पिछले साल के मुकाबले स्थिति बेहतर हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था। पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था। मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था। प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।

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