ड्यूटी पर डॉक्टर होते तो बच जाती साक्षी की जान:पति बोला- बच्ची का नाम सोच रहे थे, तभी दर्द उठा;4 घंटे तड़पी,इलाज नहीं मिला

साक्षी बहुत खुश थी। रात के करीब 11 बज रहे थे। मैं और वो साथ मिलकर बच्ची का नाम सोच रहे थे। तभी उसके कमर में दर्द उठा। मैं ड्यूटी डॉक्टर के रूम की तरफ भागा, वहां कोई नहीं था। एक कमरे में वॉर्ड बॉय सोया था। मैंने उसे जगाया। वार्ड बॉय ने आकर साक्षी को एक इंजेक्शन लगाया। दो घंटे बाद उसने रिस्पांस करना बंद कर दिया। सुबह चार बजे मेकाहारा लेकर आए, तो डॉक्टरों ने बताया कि साक्षी की मौत हो चुकी है। दीपक निषाद इसके आगे सिर्फ ये कहकर शांत हो जाते हैं कि वक्त पर इलाज मिला होता, तो मेरी पत्नी जिंदा होती। पूरा मामला रायपुर के बिरगांव नगर निगम क्षेत्र का हैं। जहां रावणभाठा स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में बच्ची को जन्म देने के 12 घंटे के भीतर 24 साल की साक्षी की मौत हो गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही की है। ड्यूटी में तैनात डॉक्टर घर पर सो रहे थे। इमरजेंसी में वार्ड बॉय ने साक्षी का इलाज किया। रायपुर CMHO मिथलेश चौधरी ने भी लापरवाही मानते हुए जांच कमेटी बना दी है। इस बीच भास्कर पीड़ित परिवार के पास पहुंचा। कुछ ही देर पहले साक्षी का अंतिम संस्कार कर परिवार वाले लौटे थे। पढ़िए ये खास रिपोर्ट:- पीड़ित परिवार ही नहीं पूरे मोहल्ले के लोगों की आंखों में आंसू थे। सभी अपने घरों के बाहर खड़े होकर सिस्टम को कोस रहे थे। नवजात बच्ची अपनी दादी की गोद में थी। घर में वेलकम पार्टी की तैयारी हो चुकी थी, लेकिन निषाद परिवार के यहां खुशियां घर के दरवाजे से ही दस्तक देकर लौट चुकी थी। सोमवार को हुई थी साक्षी की डिलीवरी दीपक ने बताया साक्षी के पेट में सोमवार सुबह तेज दर्द उठा था। दोपहर दो बजे हम उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल प्रभारी और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अंजू लाल ने सर्जरी की थी। सबकुछ सही से हो गया था। पूरा परिवार खुश था। मैंने बेटी को गोद में उठाया और साक्षी, अपनी और बेटी तीनों की एक तस्वीर निकलवाई। रात आठ बजे वार्ड से बाकी परिवार वाले साक्षी और बेटी के वेलकम की तैयारी करने के लिए घर निकल गए। मैं और साक्षी दोनों फ्यूचर प्लान करने लगे। बहुत सारी बातें हो रहीं थी। तभी साक्षी को तेज प्यास लगी। मौजूद स्टाफ से पूछकर मैंने साक्षी को थोड़ा पानी पिला दिया। अचानक दर्द उठा, साक्षी ने रिस्पांस देना बंद कर दिया करीब 11 बजे साक्षी को कमर में तेज दर्द उठा। उसने कहा सहन नहीं हो रहा डॉक्टर को बुलाओ जल्दी। मैं ड्यूटी डॉक्टर के रूम पर पहुंचा। वहां कोई नहीं था। बगल के एक कमरे में वार्ड बॉय लेटा हुआ था। मैंने उसे पूरी बात बताई। वो मेरे साथ साक्षी के पास पहुंचा। वार्ड बॉय ने उसे एक इंजेक्शन लगाया। मुझसे कहा- दर्द कम हो जाएगा, लेकिन कुछ वक्त लगेगा। घंटे-डेढ़ घंटे बाद साक्षी बिल्कुल शांत हो गई। वो कुछ भी रिस्पांस नहीं कर रही थी। मैंने उसे कई दफा आवाज दी लेकिन वो नींद से जागी ही नहीं। मैं डर गया और दोबारा वार्ड बॉय के पास पहुंचा। वार्ड बॉय बोला- नौटंकी कर रही होगी, डेथ हो गई थी पति ने बताया कि वार्ड बॉय बार-बार बुलाए जाने से चिढ़ गया था। वो साथ चलने को तैयार नहीं था। कई दफा गुजारिश करने के बाद साथ आया। साक्षी को देखते ही कहा- नौटंकी कर रही है। इसके बाद उसने पानी के कुछ छींटे उसके चेहरे पर मारे। साक्षी ने कोई हरकत नहीं की। स्टाफ ने मेकाहारा ले जाने को कह दिया। सुबह 4 बजे के करीब हम मेकाहारा पहुंचे। यहां कुछ देर तक जांच करने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि साक्षी की डेथ यहां लाने से पहले ही हो चुकी है। यहां अस्पताल प्रभारी डॉ अंजू लाल भी पहुंची थीं। उन्होंने मुझसे कहा- कुछ गड़बड़ था तो मुझे बता तो देते। ये कहकर वो चलीं गईं। ससुर बोले- भगवान ने एक बेटी झोली में डाली, एक छीन ली साक्षी के ससुर बोले कि साक्षी मेरी पहली बेटी थी। वो पूरे परिवार काे बांधकर रखी हुई थी। भगवान ने एक बेटी दी तो एक छीन ली। मैं तो बार-बार कह ही रहा था कि प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाते हैं। लेकिन घर वालों और डॉक्टरों ने मुझे विश्वास दिलाया था कि सब कुछ सही होगा। मैंने कई बार बोला कि कुछ भी लगे तो मुझे बताइएगा। किसी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए। लेकिन बताइए, मेरी बेटी को सही वक्त पर डॉक्टर ही नहीं मिल पाया। वो लोग घर में सोए हुए थे। मैं यही कहूंगा कि खर्च लगे तो लगे लेकिन सरकारी अस्पताल में इलाज मत कराइए। ये लोग जान ले लेंगे। CMHO बोले- दोषियों पर कार्रवाई होगी पूरे मामले पर हमने CMHO मिथिलेश चौधरी से बात की। उन्होंने कहा- इलाज में लापरवाही होना दिख रहा है। जांच टीम गठित कर दी गई है। रिपोर्ट मिलते ही आगे एक्शन लेंगे। वहीं डॉ अंजू लाल ने अपना नंबर बंद कर दिया है। उनकी ओर से कोई रिस्पॉन्स हमें नहीं मिला। गुस्साए लोगों ने थाना घेराव किया इन सब के बीच स्थानीय लोगों ने खमतरई थाना का घेराव कर दिया। गुस्साए लोगों ने कहा कि किसी जिम्मेदार की गलती से किसी की जान जाती है, तो उसे माफ नहीं किया जाना चाहिए। हम चाहते हैं कि, इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही लोग शांत हुए।

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