छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पास 5,000 करोड़ की संपत्ति:अध्यक्ष सलीम बोले-इसमें से 85% पर अवैध कब्जा; दाढ़ी-टोपी वाले भू-माफिया को नए कानून से डर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल 2025 को नए वक्फ कानून को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार वक्फ की संपत्ति जानने हर राज्यों में टीम भेज रही है। सोमवार को छत्तीसगढ़ में 10 सदस्यीय टीम पहुंची है। यहां वक्फ के पास 5 हजार करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। इसकी जांच करेगी। वक्फ (संशोधन) कानून को मंजूरी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है। रायपुर के शहर काजी मोहम्मद अली फारूकी ने इसे गैर इस्लामी बताया है। उनके अनुसार इसमें नुकसान के सिवाय कुछ भी नहीं है। केंद्र सरकार ने इसे पास क्यों किया, उसे क्या परेशानी थी, समझ में नहीं आता है। वहीं छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नए कानून की खूबियां गिनाई है। उनके अनुसार नए सिस्टम से मौलाना और मुतवल्ली अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश में 5 हजार करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी में 85% पर अवैध कब्जा है। डॉ. सलीम राज ने कहा कि दाढ़ी-टोपी वाले भूमाफिया को नए कानून से डर है। जिन लोगों ने वक्फ की संपत्ति पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा किया और बेचा है, उन लोगों को नए कानून से परेशानी है, इसलिए मुस्लिम समुदाय के मासूम लोगों को गुमराह कर रहे हैं। विस्तार से पढ़िए वक्फ बोर्ड संपत्ति और अवैध कब्जे को लेकर डिटेल में रिपोर्ट… 5 प्रतिशत संपत्ति को मौलाना और काजियों ने बेच दिया डॉ. सलीम ने बताया कि नए वक्फ बिल का विरोध केवल इसलिए हो रहा है, क्योंकि उसे पीएम मोदी और उनकी सरकार ला रही है। 5 प्रतिशत संपत्ति को मौलाना, काजी और मस्जिदों के मुतवल्लियों ने अपने फायदे के लिए बेच दिया है। नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड की संपत्ति का ऑडिट होगा। इसे गैर कानूनी तरीके से बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। छत्तीसगढ़ की इन प्रमुख जमीनों पर अवैध कब्जा होने का दावा छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम ने दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान बताया, कि रायपुर के जयस्तंभ चौक से मालवीय रोड तक, एक्सप्रेस हाईवे में 12 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। इसी तरह जगदलपुर के अग्रसेन चौक में वक्फ की संपत्ति को भू-माफियाओं ने बेच दिया। बिलासपुर और दुर्ग की संपत्ति पर विवाद बिलासपुर और दुर्ग की संपत्ति पर विवाद हुआ था, लेकिन जब जांच की गई तो पता चला, कि खसरा नंबर में दिक्कत के कारण गड़बड़ी हुई। जमीन वक्फ बोर्ड की नहीं थी, इसलिए आवेदन देकर शिकायत की कॉपी वापस ले ली। अलग-अलग जिलों में वक्फ की 2006 प्रॉपर्टी डॉ. सलीम राज ने बताया कि 2006 संपत्तियां के माध्यम से बोर्ड अपना राजस्व बढ़ा रहा है। वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों के अनुसार वक्फ की संपत्ति सुरक्षित रहे, उसके ऊपर होने वाले कब्जों पर कार्रवाई की जा सके, इसलिए वक्फ अधिनियम की धारा 4 में प्रावधान है। हर 10 साल सर्वे होना चाहिए, लेकिन प्रदेश गठन के बाद केवल एक बार 2023 में हुआ है। संपत्ति का सर्वे करने केंद्र से आई 10 सदस्यीय टीम डॉ. सलीम राज ने बताया कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्ति कितनी है, उनकी वर्तमान में क्या स्थिति है, इसका पता करने के लिए सेंट्रल से 10 सदस्यों की टीम आई है। ये टीम संपत्ति की जांच करेगी। किस संपत्ति से कितना किराया आना चाहिए, उसका निर्धारण करेगी। यह निर्धारण होने के बाद विवादित संपत्ति पर एक्शन लिया जाएगा। उसे वक्फ के कब्जे में लेकर नए कानून के तहत किराए में दिया जाएगा। प्रॉपर्टी कम होने के जिम्मेदार होंगे बोर्ड और मुतवल्ली- सलाम रिजवी वहीं छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सलाम रिजवी ने दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान कहा, कि नए कानून के तहत छत्तीसगढ़ में वक्फ की संपत्ति कम होगी तो इसके जिम्मेदार राज्य वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी और संबंधित मस्जिदों के मुतवल्ली होंगे। सलाम रिजवी ने कहा कि 1989 के बाद वक्फ संपत्ति का सर्वेक्षण नहीं हुआ है। इन लोगों ने प्रयास भी नहीं किया है। राजस्व रिकॉर्ड में कई संपत्ति नहीं चढ़ी थी। नए कानून से इनको अपडेट करने में दिक्कत आएगी।

More From Author

वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प ने नाटो में तैनात महिला एडमिरल को हटाया, तीन महीने में 9 अफसरों की छुट्टी

क्रुणाल ने आखिरी ओवर में दिलाई जीत:हार्दिक-तिलक की तूफानी पारियां बेकार, RCB ने MI को वानखेड़े में 10 साल बाद हराया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *