प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम अफ्रीका के देश घाना के लिए रवाना हो गए हैं। घाना की उनकी यह पहली यात्रा है। भारत से करीब 8 हजार किलोमीटर दूर घाना में ‘गा’ समुदायों के बीच लोगों की मौत पर जश्न मनाने की परंपरा है। यहां अंतिम संस्कार के लिए डिजाइनर ताबूत बनाए जाते हैं। घाना में अनोखे ताबूत बनाने की परंपरा गा समुदाय में शुरू हुई। कारीगर सेथ काने कोई ने इसे लोकप्रिय बनाया। सेथ काने कोई ने गा समुदाय के राजा के लिए एक भव्य पालकी बनाया था। उनकी मौत के बाद उन्हें वैसी ही पालकी में दफनाया गया। यहीं से मौत के बाद फैंसी ताबूतों बनाने की परंपरा शुरू हुई। इन ताबूतों को ‘फैंटेसी कॉफिन्स’ कहा जाता है, और ये मृतक व्यक्ति के पेशे, शौक या जीवन से जुड़ी चीजों के आकार में बनाए जाते हैं। 15 तस्वीरें के जरिए घाना की ताबूत परंपरा के बारे में जानिए… …………………………………….. ये खबर भी पढ़ें… PM मोदी पहली बार घाना के लिए रवाना:नेहरू, नरसिम्हा राव के बाद यहां जाने वाले तीसरे प्रधानमंत्री PM नरेंद्र मोदी बुधवार से 8 दिनों के लिए 5 देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। वे सबसे पहले अफ्रीकी देश घाना जा रहे हैं। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशक में पहली घाना यात्रा है। इससे पहले 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1995 में नरसिम्हा राव बतौर PM घाना के दौरे पर पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़ें…
