जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश केस की जांच कर रहे पैनल की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट जज यशवंत वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का स्टोर रूम पर सीक्रेट या एक्टिव कंट्रोल था। यहीं 14 मार्च की रात आग लगने के बाद बड़ी मात्रा में अधजले नोट मिले थे। पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे जस्टिस वर्मा के कदाचार का पता चलता है, जो इतना गंभीर है कि उन्हें हटाया जाना चाहिए। घटना के समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे और अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यरत हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता वाले तीन जजों के पैनल ने 10 दिनों तक जांच की। 55 गवाहों से पूछताछ की और जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास का दौरा किया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को ध्यान में रखते हुए समिति इस बात पर सहमत है कि CJI के 22 मार्च के लेटर में लगाए गए आरोपों में पर्याप्त तथ्य हैं। कदाचार इतना गंभीर है कि जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू करनी चाहिए। पैनल की रिपोर्ट के 3 अहम पॉइंट…
