इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। नेतन्याहू ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में ट्रम्प को इसके बारे में जानकारी दी। नेतन्याहू ने कहा- मैं आपको वह लेटर दिखाना चाहता हूं जो मैंने नोबेल पुरस्कार कमेटी को भेजा है। इसमें आपको शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है, जिसके आप पूरी तरह से हकदार हैं और आपको यह मिलना चाहिए। नेतन्याहू का कहना है कि उन्होंने यह फैसला मिडिल ईस्ट में शांति के लिए ट्रम्प की तरफ से की जा रही कोशिशों के मद्देनजर किया है। हालांकि, ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं ‘मैं कितने भी युद्ध रोक लूं, कुछ भी कर लूं, मुझे नोबेल नहीं मिलेगा। मुझे नोबेल शांति पुरस्कार 4-5 बार मिलना चाहिए था। लेकिन वे मुझे ये पुरस्कार नहीं देंगे क्योंकि वे इसे केवल लिबरल्स को देते हैं पाकिस्तान भी ट्रम्प को नोबेल के लिए नॉमिनेट कर चुका है इजराइल से पहले पाकिस्तान सरकार भी ट्रम्प को 2026 के नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट कर चुकी है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ट्रम्प की कूटनीतिक पहल और मध्यस्थता ने एक बड़े युद्ध को टालने में मदद की। पाकिस्तानी सरकार ने अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा कि ट्रम्प ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों से बात कर संघर्षविराम में अहम भूमिका निभाई। इससे दो न्यूक्लियर ताकत वाले देशों के बीच युद्ध की आशंका टल गई। ट्रम्प बोले- कई देशों के विवाद निपटाए राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोमवार को फिर से दावा किया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बहुत बड़ी लड़ाई को रोक दिया। इसके साथ ही उन्होंने कोसोवो-सर्बिया और रवांडा-कांगो के बीच संघर्ष रोकने का दावा किया। ट्रम्प ने कहा- हमने कई झगड़े रोके, जिनमें भारत और पाकिस्तान का बहुत बड़ा विवाद शामिल था। हमने दोनों देशों से कहा कि अगर आप आपस में लड़ेंगे, तो हम आपके साथ कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे। वे शायद परमाणु युद्ध के स्तर पर थे। इसे रोकना बहुत जरूरी था।
