इजराइल ने ग्रेटा समेत 4 कार्यकर्ताओं को रिहा किया:8 लोग अब भी हिरासत में, रिहाई दस्तावेज पर साइन से इनकार किया

इजराइल ने स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत 4 लोगों को मंगलवार को रिहा कर दिया। ये सभी इजराइल के बेन गुरियन एयरपोर्ट से फ्रांस रवाना हो गए। हालांकि, अभी भी 8 लोग इजराइल की हिरासत में हैं। इनमें रीमा हसन समेत बाकी लोग शामिल हैं। इन सभी के नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं। इजराइली सेना ने 9 जून को गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे मैडलीन जहाज पर छापा मारकर स्पेन, फ्रांस, स्वीडन और तुर्की के 12 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था। इजराइल ने इन सभी को ऑप्शन दिया था कि वे चाहें तो डिपोर्टेशन कागज (रिहाई के दस्तावेज) पर साइन करके घर लौट सकते हैं। ग्रेटा समेत चार कार्यकर्ताओं ने इन पर साइन कर दिए, जबकि रीमा हसन समेत 8 ने इनकार कर दिया। इन सभी को इजराइल के रमले में गिवोन डिटेंशन सेंटर ले जाया गया। हमास के हमले का वीडियो देखने से इनकार किया इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन सभी कार्यकर्ताओं ने गैरकानूनी रूप से इजराइली जलक्षेत्र में प्रवेश किया था। रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने दावा किया कि कार्यकर्ताओं को 7 अक्टूबर के हमले की स्क्रीनिंग (वीडियो फुटेज) दिखाई गई, लेकिन उन्होंने इसे देखने से इनकार कर दिया। वहीं, इस यात्रा को शुरू करने वाले ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ (FFC ) का कहना है कि इजराइल की गाजा पर समुद्री नाकाबंदी गैरकानूनी है। मैडलीन जहाज की जब्ती अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेश का उल्लंघन है। कार्यकर्ता 9 जून को हिरासत में लिए गए थे BBC के मुताबिक 9 जून को गिरफ्तारी के बाद इन सभी कार्यकर्ताओं को अशदोद पोर्ट लाया गया। यह इजराइल के पश्चिम में एक अहम पोर्ट है। गाजा से इसकी दूरी 27 किमी है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों को इजराइली नौसेना इजराइल ले जा रही थी। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तंज कसते हुए लिखा- ‘सेल्फी यॉट’ के सभी यात्री ठीक और सुरक्षित हैं। उन्हें सैंडविच और पानी मुहैया कराया गया है। शो अब खत्म हो चुका है। इजराइल ने जहाज को क्यों रोका शुरुआत में इजराइल इस जहाज को गाजा में डॉक करने की अनुमति देने के लिए विचार कर रहा था, बशर्ते कि यह सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा खतरा न बने। बाद में इजराइल सरकार ने अपना फैसला बदल लिया। इजराइल का तर्क था कि अगर एक बार मैडलीन जैसे जहाज को मंजूरी दी गई, तो आगे चलकर इस तरह की कोशिशों को बढ़ावा मिलेगा। इससे इजराइल के समुद्री प्रतिबंध कमजोर पड़ सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ सकता है। इसलिए इजराइल पहले ही कह चुका था कि इस जहाज को गाजा तट से पहले ही रोक दिया जाएगा। इससे पहले भी FCC के कॉन्साइंस नाम के जहाज ने मई 2025 में एक और कोशिश की थी। हालांकि, इजराइल ने उसे परमिशन नहीं दी थी। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल ने ब्रिटेन से गाजा की ओर आ रहे जहाज को रोकने की अपील की थी। हालांकि, ब्रिटेन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी के मुताबिक ब्रिटेन ने इजराइल से इन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। गाजा के लिए मैडलीन मिशन क्या था? इजराइल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, जिससे वहां 23 लाख लोगों में से 93% भुखमरी का सामना कर रहे हैं। दर्जनों बच्चे भूख से मर चुके हैं। मैडलीन जहाज का मकसद इन लोगों तक मदद पहुंचाना था। यह यात्रा ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ (FFC ) नाम के एक संगठन ने शुरू की थी, जो पहले भी गाजा को मदद पहुंचाने की कोशिश कर चुका है। ग्रेटा और उनका दल इजराइल की उस घेराबंदी का विरोध कर रहे हैं जो गाजा पर कई सालों से चल रही है। FFC ने इसे एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया था। उनके मुताबिक, जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक दल के सदस्य अहिंसा के सिद्धांत में प्रशिक्षित हैं और यह मिशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। इजराइल की इस कार्रवाई पर दुनिया भर के देशों ने भी प्रतिक्रिया दी है…

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