अमेरिका में भारतीय डॉक्टर पर यौन शोषण का आरोप:नशीली दवा के बदले सेक्स डिमांड करता था, नजरबंद हुआ; ₹86 लाख का बॉन्ड भरने की सजा

अमेरिका में एक भारतीय मूल के एक डॉक्टर पर यौन शोषण और मेडिकल फ्रॉड के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के न्यू जर्सी में 51 साल के डॉ. रितेश कालरा नशे की लत से जूझ रहे मरीजों से अवैध दवाइयों के बदले यौन संबंध बनाने की मांग करता था। कालरा ने अपने फेयर लॉन क्लिनिक को ‘पिल मिल’ के रूप में ऑपरेट किया, जहां वह बिना मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के ऑक्सीकोडोन जैसी पावरफुल ओपिओइड (नशीली दवाई) देता रहा। डॉक्टर के खिलाफ 5 आरोप दर्ज किए गए हैं, जिनमें तीन अवैध दवा वितरण और दो धोखाधड़ी के हैं। गुरुवार को एक मजिस्ट्रेट जज के सामने पेश होने के बाद उसे घर में नजरबंदी में रखा गया है। कालरा को ₹86 लाख का बॉन्ड भरने की शर्त पर रिहा किया जाएगा। उसे मेडिकल प्रैक्टिस करने और दवाइयां लिखने से भी रोक दिया गया है। क्लिनिक के अंदर जबरन संबंध बनाने के आरोप
कालरा के खिलाफ कई महिला मरीजों ने अश्लील रूप से छूने और दवाइयों के बदले संबंध बनाने की मांग करने की शिकायत की है। आरोप है कि डॉक्टर ने अपॉइंटमेंट के दौरान मरीज के साथ क्लिनिक के अंदर ही जबरन संबंध बनाया। अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, कालरा बिना किसी मेडिकल जरूरत के लत लगाने के लिए नशीली दवाई लिखता था। 6 साल में 31 हजार अवैध प्रिस्क्रिप्शन जारी किए अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, जनवरी 2019 से फरवरी 2025 के बीच कालरा ने 31 हजार से ज्यादा ऑक्सीकोडोन प्रिस्क्रिप्शन जारी किए, कभी-कभी एक ही दिन में 50 से अधिक प्रिस्क्रिप्शन लिखे। अमेरिकी अटॉर्नी अलीना हब्बा ने कहा- चिकित्सकों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है, लेकिन जैसा कि आरोप है, डॉ. कालरा ने इस स्थिति का दुरुपयोग करके नशे को बढ़ावा दिया, कमजोर मरीजों का यौन शोषण किया और न्यू जर्सी के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में धोखाधड़ी की। कालरा पर फर्जी परामर्श और काउंसलिंग के लिए बिलिंग करने का भी आरोप है। कालरा के बचाव पक्ष ने इन आरोपों को गलत बताकर खारिज किया है। यह मामला अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन ड्रग दुरुपयोग पर व्यापक कार्रवाई के बीच सामने आया है, जहां कालरा जैसे डाक्टरों पर ओपिओइड संकट का फायदा उठाने का आरोप लग रहा है। 2021 में 70 हजार मौतें ड्रग ओवरडोज से हुई अमेरिका में ओपिओइड संकट एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो मुख्य रूप से नशीली दवाओं, खासकर फेंटानिल जैसे सिंथेटिक ओपिओइड्स के दुरुपयोग से जुड़ी है। यह संकट 1990 के दशक में शुरू हुआ, जब फार्मास्युटिकल कंपनियों ने ओपिओइड दवाओं को दर्द निवारक के रूप में बेचना शुरु किया और दावा किया कि ये कम नशे की लत वाली हैं। नतीजतन, डॉक्टरों ने इन्हें आसानी से प्रिस्क्राइब करना शुरू कर दिया, जिससे मरीजों में नशे की लत बढ़ी। 2021 में 70 हजार से अधिक लोग ड्रग ओवरडोज से मरे, जिनमें से अधिकांश फेंटानिल जैसे सिंथेटिक ओपिओइड्स से जुड़े थे। ओपिओइड्स दर्द की फिलिंग को कम करता है ओपिओइड्स एक प्रकार की दवाएं हैं जो दर्द कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। ये दिमाग में ओपिओइड रिसेप्टर्स से जुड़कर दर्द की फिलिंग को कम करती हैं। इनमें प्राकृतिक (जैसे मॉर्फिन, कोडीन), अर्ध-सिंथेटिक (जैसे ऑक्सीकोडोन, हाइड्रोकोडोन, हेरोइन), और सिंथेटिक (जैसे फेंटानिल, मेथाडोन) दवाएं शामिल हैं। ओपिओइड्स का उपयोग गंभीर दर्द (जैसे सर्जरी, कैंसर, या चोट) के इलाज में किया जाता है। कुछ, जैसे मेथाडोन, नशे की लत के उपचार में भी मदद करते हैं। ओपिओइड्स के ओवरडोज से सांस की तकलीफ, बेहोशी, और मृत्यु हो सकती है।

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